मंडी। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में चरस रखने और खरीद फरोख्त के मामले में चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों को 16-16 साल के कठोर कारावास और प्रत्येक को 1 लाख 40 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश (फॅमिली कोर्ट) मंडी की अदालत ने एक अहम मामले में यह फैसला सुनाया है।
आरोपी रमेश चंद पुत्र बैशाखू गांव धार डाकघर थलटूखोड़ तहसील पधर जिला मंडी और अन्य तीन आरोपियों बलदेव पुत्र मंगलू गांव धरमेहड़, गोकल चंद पुत्र गहिम्बार गांव बागी डाकघर खलवाहन और सुरेश कुमार पुत्र परम देव गांव दरघड़ डाकघर थारतूखोड़ को चरस रखने और खरीद फरोख्त करने के मामले में दोषी ठहराया गया है और विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई है।
धारा 20 एनडीपीएस में दोषी रमेश चंद पुत्र बैशाखू गांव धार डाकघर थलटूखोड तहसील पधर जिला मंडी प्रत्येक को 16 वर्ष का कठोर कारावास और 1,40,000/- प्रत्येक को जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 6 महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा।
धारा 29 एनडीपीएस में दोषी बलदेव पुत्र मंगलू गांव धरमेहड़, गोकल चंद पुत्र गहिम्बार गांव बागी डाकघर खलवाहन और सुरेश कुमार पुत्र परम देव, गांव दरघड़ डाकघर थारतूखोड़ प्रत्येक को 16 वर्ष का कठोर कारावास और 1,40,000 प्रत्येक को जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर 6 महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा।
मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी (कार्यालय मंडलीय उपायुक्त) अतिरिक्त प्रभार लोक अभियोजक फॅमिली कोर्ट मंडी जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि पुलिस थाना सदर मंडी की एक पुलिस टीम नाकाबंदी के लिए भ्युली चौक मंडी में मौजूद थी।
टीम द्वारा आने-जाने वाली छोटी बड़ी गाड़ियों को चेक किया जा रहा था। समय दोपहर 12:22 बजे तक करीब 30-35 छोटी-बड़ी गाड़ियों को चेक किया जा चुका था। उसी समय एक प्राइवेट बस कुल्लू की तरफ से मंडी की तरफ आई। बस को चेकिंग के लिए रोका गया।
चेकिंग के समय बस के आखिर वाली सीट पर एक अकेला व्यक्ति बैठा था, जिसके पांव के पास एक बोरी (जूट) रखा था, वह व्यक्ति पुलिस को देखकर काफी घबराया हुआ प्रतीत हुआ और पुलिस से नजरे चुराने लगा। इस पर मुख्य आरक्षी भानुप्रताप ने उक्त व्यक्ति से उक्त बोरी के बारे पूछा तो यह कहने लगा कि इसमें चावल हैं।
बोरी को चेक करवाने में आनाकानी करने लगा। जिस पर मुख्य आरक्षी को उक्त व्यक्ति के पास मौजूद बोरी में कोई चोरी का सामान व संदिग्ध सामान होने का शक हुआ, जिसकी तलाशी लेना उचित प्रतीत हो रही थी। बस की आखिरी सीट की सीट नंबर 51 पर बैठे हुए उपरोक्त व्यक्ति ने अपना नाम रमेश चंद (29) पुत्र बैशाखू गांव धार डाकघर थलटूखोड तहसील पधर जिला मंडी बताया।
रमेश कुमार उक्त के पांव के पास रखे हुए जूट बोरी से 8.256 किलो कैनाबिस (चरस) पाई गई। आरोपी रमेश चंद उपरोक्त के द्वारा अपने कब्जा में इस तरह 8.256 किलोग्राम चरस प्राप्त होने पर थाना सदर मंडी में एफआईआर दर्ज की गई।
पुलिस रिमांड के दौरान आरोपी रमेश चंद ने इस मामले के अन्य संलिप्त व्यक्तियों बलदेव पुत्र मंगलू गांव धरमेहड़, गोकल चंद पुत्र गहिम्बार गांव बागी डाकघर खलवाहन और सुरेश कुमार पुत्र परम देव गांव दरघड़ डाकघर थारतूखोड़ के नाम भी बताए थे।
इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 25 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी जितेंद्र गोस्वामी, जिला न्यायवादी द्वारा की गई।
अभियोजन एवं बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा आरोपियों का अपराध, संदेह की छाया से परे सिद्ध पाया गया और दोषियों को भारतीय एनडीपीएस की धाराओं के तहत सजा सुनाई है।