गुरुग्राम। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व इंडियन नेशनल लोकदल के सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम मेदांता में दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें सांस लेने में दिक्कत थी और काफी समय मेदांता में ही उनका इलाज चल रहा था।
शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 11:35 बजे मेदांता की इमरजेंसी में लाया गया था। मेदांता प्रशासन ने उनके निधन की पुष्टि की है। डॉक्टरों ने उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई है।
शनिवार सुबह 8 से 2 बजे तक सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे उनको मुखाग्नि दी जाएगी।
ओम प्रकाश चौटाला के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये खबर अत्यंत दु:खद है। हरियाणा की राजनीति में उनके अमूल्य योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।
प्रार्थना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिवार एवं उनके प्रशंसकों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति एवं संबल प्रदान करें।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी चौटाला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की राजनीति के मजबूत स्तंभ होने के साथ-साथ हरियाणा के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। उनके निधन से हरियाणा सहित देश की राजनीति के लिए बड़ी क्षति पहुंची है।
मुकेश अग्निहोत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला का जन्म एक जनवरी 1935 को सिरसा के गांव चौटाला में हुआ था। चौटाला पांच बार हरियाणा के सीएम रहे। दो दिसंबर 1989 को चौटाला पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे।
12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला। लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
1993 में उन्होंने नरवाना उपचुनाव जीता। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली।
इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।