मंडी। विशेष न्यायाधीश -1, मंडी हिमाचल प्रदेश की अदालत ने चरस रखने के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने दोषी नसीब सिंह पुत्र रेवत राम निवासी त्रेला , डाकघर बल्ह टिक्कर, तहसील पधर जिला मंडी हिमाचल प्रदेश को चरस रखने का अपराध सिद्ध होने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1,00,000/- के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर दोषी को 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी मंडी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने बताया कि 12 दिसंबर 2018 को पुलिस थाना पधर की एक टीम और एसएनसीसी/ एफयू कुल्लू की पुलिस टीम डायना पार्क के आसपास तस्करों की धर-पकड़ के सिलसिले में सामान्य सेवा में मौजूद थी। तभी संध्या काल समय 7:15 मिनट पर एक व्यक्ति डायना पार्क लिंक रोड की तरफ से आ रहा था।
पुलिस द्वारा उस पर टोरच की रोशनी डालने पर वह एक दम से रुक गया और पुलिस को सामने देखकर अपने हाथ में पकड़े हुए बैग को फेंक कर पीछे की तरफ भाग गया।
पुलिस टीम ने उसे कुछ ही दूरी पर पकड़ लिया। पुलिस को अपने सामने देखकर थैला फेंकने और भागने के कारण पूछने पर कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। उक्त व्यक्ति के इस तरह के व्यवहार के कारण पुलिस को उस पर संदेह हुआ कि उक्त व्यक्ति द्वारा फेंके गए बैग में कोई अवैध वस्तु हो सकती है।
इसी संदेह के आधार पर बैग की तलाशी के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किया गया। स्वतंत्र गवाहों के समक्ष उक्त व्यक्ति से उसका नाम व पता पूछा गया।
पुलिस द्वारा पूछने पर उनसे अपना नाम और पता नसीब सिंह पुत्र रेवत राम निवासी त्रेला डाकघर बल्ह टिक्कर तहसील पधर जिला मंडी हिमाचल प्रदेश बताया। उक्त व्यक्ति के बैग की तलाशी ली गई तो उसमें काला रंग का भारी पदार्थ प्राप्त हुआ था।
उसे जांचा गया तो अनुभव के आधार पर उक्त पदार्थ चरस पाई गई। बरामद की गई चरस को तोलने पर कुल भार 1.852 किलोग्राम पाया गया था। इस मामले में जांच पूरी होने पर थाना अधिकारी ने मामले के चालान को न्यायालय में पेश किया ।
जिला न्यायवादी मंडी ने यह भी बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 18 गवाह पेश किए, जिनकी गवाही को सही मानते हुए और दोनों पक्षों के तर्क-वितर्क को सुनने के पश्चात न्यायालय ने इस मामले में उक्त दोषी को नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) की धारा 20 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1,00,000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई और यदि दोषी जुर्माना देने में असफल रहता है तो उसे 1 वर्ष का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।