ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला की नूरपुर तहसील के जसूर से शुरू हुई यह कहानी दोस्ती, सेवा और इंसानियत की मिसाल बन गई है।
गैरी के नाम से मशहूर निखिल राजपूत की याद में उनके दोस्तों ने 'गैरी केयर्स फाउंडेशन' की शुरुआत की। गैरी की मौत मार्च 2020 में एक हादसे में हुई थी। उस दिन वह एक डायलिसिस मरीज को अस्पताल पहुंचाने जा रहे थे। रास्ते में हादसा हुआ और 22 साल की उम्र में उनकी जान चली गई। रविवार को फाउंडेशन ने अपने कार्यालय का विधिवत रूप से उद्घाटन किया।
गैरी का सपना था कि वह एक एनजीओ बनाएं, जो जरूरतमंदों की मदद करे। उनके दोस्तों अंकित वर्मा, वरुण पठानिया और अन्य ने इस सपने को साकार किया।
लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही उन्होंने राहत किट बांटना शुरू किया। 400 से ज्यादा परिवारों को राशन और जरूरी सामान पहुंचाया गया। इनमें दिहाड़ी मजदूर और बेघर लोग शामिल थे।
लोगों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही। मदद की मांग बढ़ती गई। इसके बाद दोस्तों ने 'गैरी केयर्स फाउंडेशन' को औपचारिक रूप से सितंबर 2021 में रजिस्टर कराया। तब से यह संस्था देशभर में मानव सेवा के लिए जानी जाती है।
फाउंडेशन की एक बड़ी पहल एक बच्ची की जान बचाने की रही। उसे सांप ने काट लिया था। इलाज के लिए 4 लाख रुपए चाहिए थे। परिवार के पास पैसे नहीं थे। फाउंडेशन ने सोशल मीडिया पर अपील की। 6 लाख रुपए जुटाए गए। बच्ची का इलाज हुआ और वह ठीक हो गई।
इसके बाद नवजात बच्चों के इलाज, गरीब लड़कियों की शादी और बेघरों की मदद जैसे कई काम फाउंडेशन ने किए। मार्च में फाउंडेशन ने सेवा के 5 साल पूरे किए। गैरी अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके दोस्त उनके सपने को जी रहे हैं। उनकी सेवा भावना आज भी लोगों के बीच जिंदा है।
फाउंडेशन के सदस्य अंकित वर्मा ने कहा कि इसमें फाउंडेशन का सदस्य हमेशा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगा और जो भी जरूरतमंद आदमी होगा, वे अपनी जरूरत वहां पर दर्ज करवा सकता है, उसके बाद फाउंडेशन के सदस्य व्यक्ति की वेरिफिकेशन करने बाद उसकी मदद करेंगे।
इस अवसर पर नूरपुर के विधायक रणवीर सिंह निक्का भी उपस्थित थे। उन्होंने फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों के सराहना की व कहा कि फाउंडेशन को किसी भी चीज की आर्थिक रूप से हो या सामाजिक रूप से हमेशा उसके लिए तैयार रहेंगे। इस अवसर पर निखिल राजपूत के पारिवारिक सदस्य भी उपस्थित रहे।