हिमाचल : मंत्रियों जैसी सुविधाएं नहीं ले पाएंगे सीपीएस, हाईकोर्ट ने दिए आदेश
ewn24news choice of himachal 03 Jan,2024 6:34 pm
मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी
शिमला। हिमाचल में कोई भी मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) मंत्रियों जैसी सुविधाएं नहीं ले पाएगा। हाईकोर्ट ने यह अंतरिम आदेश बुधवार को केस की सुनवाई के दौरान दिए। मामले को लेकर अगली सुनवाई 12 मार्च को तय की गई है।
बता दें कि हाईकोर्ट में पिछले कल और आज दो दिन सीपीएस (CPS) की नियुक्ति को असंवैधानिक बताने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती सहित 11 भाजपा विधायकों ने याचिका हाईकोर्ट में दायर की है।
भाजपा विधायकों की ओर से हाईकोर्ट में केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट सत्यपाल जैन ने कहा कि अब कोई भी सीपीएस (CPS) मंत्रियों के समान काम नहीं कर पाएगा। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। मामले में अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 में किए गए संशोधन के मुताबिक किसी भी प्रदेश में मंत्रियों की संख्या विधायकों की कुल संख्या के 15 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है।
इस हिसाब से हिमाचल में में अधिकतम 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार प्रदेश में मंत्री और सीपीएस की संख्या में 15 फीसदी से ज्यादा हो गई है। इसलिए सीपीएस की नियुक्तियों को भाजपा विधायकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
बता दें कि हिमाचल में 6 सीपीएस बनाए गए हैं। इसमें बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल, पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल, कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के विधायक संजय अवस्थी, दून के विधायक राम कुमार चौधरी और रोहड़ू के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा को सीपीएस बनाया गया है। साथ ही अभी मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्री हैं। एक मंत्री का पद अभी खाली है।
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