अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष ने उठाई मांग
शिमला। पूर्व की जयराम सरकार की कार्यप्रणाली पर अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूर्व सरकार को कर्मचारी विरोधी करार देते हुए कहा कि पूर्व सरकार की हार का कारण कर्मचारी विरोधी निर्णय रहे हैं।
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रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने जहां नई सरकार की सोच का स्वागत किया, वहीं पूर्व सरकार के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि पूर्व में भ्रष्ट लोगों को संरक्षण दिया गया।
अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने पूर्व जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व में भ्रष्ट लोगों को संरक्षण दिया गया।
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कर्मचारी राजनीति के अंदर हस्तक्षेप कर उसे तोड़ने का प्रयास किया गया। यहां तक कि पूर्व सरकार में आउटसोर्स में सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने मांग की है कि वर्तमान सरकार इसकी जांच करे। पूर्व मुख्यमंत्री ने सराज का महासंघ खड़ा कर कर्मचारियों पर प्रहार किया था।
वहीं, विनोद कुमार ने नई सरकार का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिस प्रकार अपनी सोच को स्पष्ट किया है कि वह सत्ता के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। साथ ही बदले की भावना से कार्य नहीं होगा। इस बात से कर्मचारियों में नया विश्वास पैदा हुआ है।
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उन्होंने कहा कि इस तरह का बड़ा बयान कर्मचारियों को लंबे समय से सुनने को नहीं मिला है। दस वर्ष में व्यवस्था बहुत नीचे आई है, उसे सुधारने में थोड़ा समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ हैं तथा तीन माह तक सरकार को समय देंगे और कर्मचारियों की समस्या को उनके समक्ष नहीं रखा जाएगा, जिससे उन्हें भी व्यवस्था सुधारने का समय मिले।