ऋषि महाजन/नूरपुर। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन निर्माण कार्य जहां एक ओर भविष्य में बेहतर यातायात सुविधा का वादा करता है, वहीं वर्तमान में यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रहा है।
पहली ही बारिश ने निर्माण की खामियों को उजागर कर दिया है। जगह-जगह जलभराव, मिट्टी और मलबे के कारण सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण एजेंसी ने नालियों की समुचित व्यवस्था नहीं की है। जहां अस्थायी नालियां निकाली गई थीं, वहां कुछ लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए हैं, जिससे जल निकासी पूरी तरह बाधित हो गई है। कई स्थानों पर तो नालियां निकाली ही नहीं गईं, जिससे बरसात का पानी सीधे सड़कों और घरों में घुसने लगा है।
निर्माण की धीमी गति बनी चिंता का विषय
लोगों का कहना है कि यह कार्य लंबे समय से चल रहा है, लेकिन इसकी गति बेहद धीमी है। बरसात के मौसम में काम की रफ्तार और भी धीमी हो जाएगी, जिससे हालात और बिगड़ने की आशंका है। अगर यही स्थिति रही तो इस परियोजना के समय पर पूरा होने की संभावना भी क्षीण होती जा रही है।
प्रशासन ने दिए निर्देश
इस मुद्दे को लेकर जब उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) अरुण शर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें स्थिति की जानकारी मिल गई है और उन्होंने संबंधित विभागों को तुरंत जलभराव वाले क्षेत्रों की सफाई करने तथा अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए हैं।
जनता की मांग-जल्द हो समाधान
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और निर्माण एजेंसी से मांग की है कि बरसात के मद्देनज़र जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए, अवैध कब्जों को हटाया जाए और कार्य की गति बढ़ाई जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके।
यदि समय रहते समाधान नहीं निकाला गया, तो यह फोरलेन परियोजना भविष्य की सुविधा के बजाय वर्तमान की सबसे बड़ी समस्या बन सकती है।