शिमला। शराब की ओवर चार्जिंग को लेकर सरकार सख्त है। शराब के लाइसेंस द्वारा ओवर चार्जिंग यानी मूल्य से अधिक दाम वसूलने के मामलों पर पेनल्टी का सख्त प्रावधान किया है।
पहले यह जुर्माना 5 हजार से 25 हजार रुपए था, लेकिन ओवर चार्जिंग से सख्ती से निपटने के लिए हमने 25 हजार रुपए से एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया है।
0-4 बार से अधिक उल्लंघन करने पर लाइसेंस के रद्द करने का भी प्रावधान किया गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 3 अगस्त को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सदन में दी है।
शराब के ठेकों से संबंधित मामला भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा ने उठाया था। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि शराब की अवैध गतिविधियों की शिकायत दर्ज करवाने के लिए विभाग द्वारा फ्री नंबर तथा व्हाट्सएप नंबर 94183-31426 भी जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि मिल्क सेस से 116 करोड़ रुपए कमाए हैं। हमने एक और सेस लगाया है, पीके सेस। हमने यह सेस इस बार लगाया है और इससे भी इनकम होगी। लगभाग 150 करोड़ रुपए राजस्व में आ रहे हैं। इसके अलावा पीके सेस मतलब प्राकृतिक खेती सेस से भी इनकम होगी यानी व्हिस्की पिएगा उसको एक सेस और लगेगा।
बता दें कि भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सदन में मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि आप शराब खरीदते हैं तो उसमें एमआरपी (मैक्सिम रिटेल प्राइस) लिखा होता है और उससे ज्यादा कोई चीज नहीं बिकती है।
हिमाचल सरकार ने इस बार एमएसपी कर दिया, जिसकी फुल फॉर्म मिनिमम सेल प्राइस है। ठेकेदार उससे ज्यादा 30 फीसदी तक बेच सकते हैं, यह कौन सा फार्मूला है और किसके लिए बनाया गया।
एमआरपी में क्या दिक्कत थी, जो आज एमएसपी लाना पड़ा और ठेकेदार तो 30 फीसदी पर भी नहीं रुक रहा है। सरकार को तो घाटा है, लोग शिकायत कर रहे हैं उस पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है।