ट्रक ऑपरेटर हड़ताल : कांगड़ा बस अड्डे पर इंतजार करते रहे लोग, नहीं दौड़ी बसें
ewn24news choice of himachal 02 Jan,2024 2:23 pm
डीजल की किल्लत के चलते एचआरटीसी ने भी खड़े किए हाथ
कांगड़ा। हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर हैं। हड़ताल के चलते पेट्रोल और डीजल की किल्लत गहराने लगी है। अधिकतर पेट्रोल पंप खाली हो चुके हैं। डीजल की कमी के चलते एचआरटीसी और निजी बसों के पहिए भी थम से गए हैं।
बसों और यात्रियों की चहलकदमी से भरा रहना वाला कांगड़ा बस अड्डा भी मंगलवार को सूना दिखा। आलम यह था कि यात्री तो थे, लेकिन रूट पर चलने वाली बसें नहीं थीं। लोग बस अड्डे पर बसों का इंतजार करते दिखे। काफी देर इंतजार करने के बाद धूप सेक कर लोगों को अपनी यात्रा को टालना पड़ा।
ज्वालामुखी निवासी रिशा चौहान ने बताया कि उन्होंने मंगलवार सुबह कांगड़ा से घर जाना था। वह सुबह दस बजे कांगड़ा बस अड्डे पहुंच गईं, लेकिन बस अड्डे पर ज्वालामुखी की तरफ कोई बस नहीं जा रही थी। करीब अढ़ाई घंटे इंतजार करने के बाद उन्हें अपनी यात्रा टालनी पड़ी। उन्होंने बताया कि बस अड्डे पर काफी लोग बसों का इंतजार कर रहे थे।
हिट एंड रन कानून के विरोध में हड़ताल पर गए ट्रक ऑपरेटर की हड़ताल से प्रदेश में भी हालात खराब होते जा रहे हैं। पेट्रोल-डीजल की किल्लत जैसी स्थिति पैदा हो रही है।
कांगड़ा, शिमला, मंडी, ऊना सहित अन्य जिलों में कई पेट्रोल पंप ड्राई हैं और जहां पेट्रोल मिल रहा है, वहां गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीजल की उपलब्धता न होने से एचआरटीसी की बसों को पहिए भी थम गए हैं।
बता दें कि हिट एंड रन के नए कानून को लेकर पूरे देश में बसों और ट्रकों के पहिए नए साल के पहले दिन से थम गए। ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन का कहना है कि ड्राइविंग के दौरान हुई दुर्घटना के लिए बनाया गया नया कानून अगर नहीं बदला जाएगा तो यह स्ट्राइक अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा दी जाएगी।
कानून के खिलाफ ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन समेत अलग-अलग ड्राइवर संगठन के लोगों ने 1 जनवरी से 3 जनवरी तक का 'स्टेरिंग छोड़ो' के नाम से चक्का जाम शुरू किया है।
हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं, बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही सात लाख तक जुर्माना हो सकता है।
ऑपरेटर का कहना है कि सड़कों पर रोज लाखों की संख्या में ट्रक दौड़ते हैं और दुर्घटनाएं भी होती हैं। हादसों के बाद अक्सर ड्राइवर को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है, क्योंकि गुस्साई भीड़ चालक पर हमला कर सकती है और चालक की जान ले सकती है। इसमें चाहे गलती ट्रक ड्राइवर की हो या ना हो।
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