पालमपुर वारदात : एक बिटिया ने दूसरी 'बिटिया' का समझा दर्द, सिस्टम और लोगों से दिखी खफा
ewn24news choice of himachal 22 Apr,2024 8:26 pm
डिग्री कॉलेज में अंतिम वर्ष की है छात्रा
पालमपुर। कांगड़ा के पालमपुर बस स्टैंड में युवती पर युवक द्वारा दराट से हमले का मामला सामने आया है। युवती पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल और खतरे से बाहर है। आरोपी युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
वारदात 20 अप्रैल, 2024 शनिवार की है। मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने जान की परवाह किए बिना युवक धर दबोचा तो कुछ ने लड़की को अस्पताल पहुंचाकर मानवता दिखाई। इसमें थुरल निवासी प्रियंका और पालमपुर निवासी मनिंद्र शामिल हैं।
युवक के हमले के बाद खून से लथपथ एक बिटिया का दर्द दूसरी बिटिया थुरल निवासी प्रियंका ने समझा। प्रियंका डिग्री कॉलेज पालमपुर में अंतिम वर्ष की छात्रा है और पीड़ित लड़की पालमपुर के निजी कॉलेज में पढ़ती है।
वह एक दूसरे को जानती तक नहीं थी। फिर भी प्रियंका पीड़ित के जख्म नहीं देख पाई और उसे बचाने की जद्दोजहद में लगी रही। प्रियंका पालमपुर अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज टांडा तक पीड़ित युवती के साथ गई।
प्रियंका ने यह भी परवाह नहीं कि उसके कपड़े खून से खराब हो जाएंगे। सच कहते हैं कि इंसान कपड़ों से नहीं जाना जाता बल्कि दिल से जाना जाता है। इस बात को प्रियंका ने बखूबी साबित किया है।
थुरल निवासी प्रियंका ने कहा कि जब वारदात वाली जगह के पास पहुंची तो देखा कि कुछ लोग एक लड़के को पीट रहे हैं। उसने पास जाकर पूछा तो लोगों ने बताया कि इस युवक ने युवती पर दराट से हमला कर दिया है।
पास ही बैठी युवती को जब देखा तो उसके सिर से पानी की तरह खून बह रहा था। वहां पर किसी की हिम्मत नहीं कि युवती को अस्पताल ले जाया जाए।
फिर उसने वहां मौजूद एक व्यक्ति को कहा कि अंकल इसे जल्दी अस्पताल ले जाते हैं, नहीं तो युवती की मौत हो सकती है। क्योंकि खून काफी बह गया था।
फिर युवती को उठाकर सिविल अस्पताल पालमपुर ले आए। वहां पर डॉक्टरों ने फटाफट ड्रेसिंग बगैरा की और युवती को मेडिकल कॉलेज टांडा रेफर कर दिया।
प्रियंका ने बताया कि युवती के परिजन नहीं पहुंचे थे। वह और अन्य व्यक्ति युवती के साथ मेडिकल कॉलेज टांडा में गए। युवती को इमरजेंसी में लेकर गए। वहां पर डॉक्टर आदि का बहुत लाइट वर्क था।
पहले पेपर वर्क पेपर वर्क कर रहे थे। यह नहीं कि पहले उस लड़की को चेक करें। पहले लड़की को तो देखना चाहिए। टांडा में डॉक्टरों ने युवती की ड्रेसिंग खोली और साफ बगैरा किया।
जख्म काफी गहरे थे। हाथ की हड्डियां सामने दिख रही थीं। सिर का भी बुरा हाल था। टांके लगाकर युवती को चंडीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया।
मौका-ए-वारदात पर युवती चारों तरफ से लोगों से घिरी हुई थी। लोग दूर से वीडियो बना रहे थे अपने कंटेंट के लिए। किसी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि कोई उस लड़की के पास जाए और उसे वहां से अस्पताल ले जाए।
लड़की मर रही है, लेकिन लोगों को कंटेंट की पड़ी थी। प्रियंका का कहना है कि जब युवक और युवती की बहस हो रही थी तब लोगों ने कुछ नहीं किया। अगर लड़ाई हो रही है तब भी लोगों को पूछना तो चाहिए था कि क्या हो रहा है।
जब युवक ने दराट निकाला तब ही युवक को दबोच लेना चाहिए। उस वक्त भी लोग वीडियो बनाते रहे। अगर उस वक्त लोग हिम्मत दिखाते तो युवती की यह हालत न होती। जब युवक ने युवती पर दराट से हमला कर दिया उसके बाद उसे पकड़ा गया।
प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि जब युवक लोगों से बात कर रहा था तो लोग युवती को ब्लैम कर रहे थे। इससे युवक और ज्यादा गुस्सा हो गया और उसने यह कदम उठा लिया। माहौल को शांत करने की जगह लोगों ने उसमें घी डालने का काम किया।
युवती प्रियंका की बातों पर मंथन जरूरी है। एक बात तो सत्य है कि कब और कहां किसी के साथ क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। परिवार वाले और जानने वाले उस वक्त हमेशा साथ नहीं होते हैं।
ऐसे में अजनबी व्यक्ति ही दूसरे का सहारा बन सकता है। ऐसा किसी कानून में नहीं लिखा गया है, लेकिन मानवता की किताब में जरूर अंकित है।
ewn24 news Choice Of Himachal थुरल निवासी प्रियंका और पालमपुर निवासी मनिंद्र का जज्बे को सलाम करता है।