राजौरी शहादत : कुछ दिन में थी सचिन की शादी, शुभम के लिए लड़की तलाश रहे थे मां-बाप
ewn24news choice of himachal 24 Nov,2023 1:33 pm
भारतीय सेना ने लिया बदला, लश्कर के दो आतंकी किए ढेर
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के पांच वीर जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। शहीद जवानों में दो कैप्टन थे।
शहीद हुए अफसरों और जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल (मैंगलोर, कर्नाटक), कैप्टन शुभम गुप्ता (आगरा, यूपी), हवलदार अब्दुल माजिद (पुंछ, जम्मू कश्मीर), लांस नायक संजय बिष्ट (उत्तराखंड) और पैराट्रूपर सचिन लौर (अलीगढ़, यूपी ) शामिल हैं।
देश के लिए बलिदान देने वाले इन जवानों में किसी के घर पर शादी की तैयारी चल रही थी तो कहीं मां-बाप बेटे के लिए दुल्हन तलाश रहे थे और कहीं पर कोई दुल्हन विधवा हो गई। जिन घरों में खुशियां आने वाली थी वहां अब मातम पसरा हुआ है।
कैप्टन एमवी प्रांजल
राजौरी में शहीद जवानों में कैप्टन एमवी प्रांजल भी शामिल हैं। कैप्टन प्रांजल 63 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले सेना के अफसर कैप्टन प्रांजल सिर्फ 28 के थे।
वे Manglore Refinery के पूर्व MD वेंकटेश के इकलौते बेटे थे। प्रांजल की शादी दो साल पहले बेंगलुरु की अदिति से हुई थी। शादी से कुछ समय पहले ही उनकी तैनाती कश्मीर में हुई थी।
कैप्टन शुभम गुप्ता आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता भी राजौरी एनकाउंटर में शहीद हो गए। कैप्टन शुभम के पिता बसंत गुप्ता आगरा में डिस्ट्रिक्ट गवर्नमेंट काउंसलर जिला अदालत में है। परिवार वाले इस साल शुभम की शादी की तैयारियों में थे।
इसी बीच शुभम के शहीद होने की खबर आ गई। शुभम के शहीद होने की खबर जैसे ही सेना की ओर से शुभम के परिजनों को दी गई तो घर में शोक की लहर दौड़ गई। शुभम की मां बेसुध हो गईं और पिता पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा।
इस ऑपरेशन में जम्मू कश्मीर के अब्दुल माजिद भी राजौरी में शहीद हुए हैं। माजिद एक पैरा कमांडो थे। उनका परिवार एलओसी पर जीरो-लाइन और सीमा बाड़ के बीच स्थित अजोट गांव में रहता है। माजिद की शहादत की खबर मिलते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।
माजिद की पत्नी और तीन बच्चे भी हैं। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। हालांकि, परिजनों को बेटे की शहादत पर गर्व भी है। माजिद के भाई भी जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जेकेएलआई) के सैनिक थे, जो वर्ष 2017 में पुंछ के एक इलाके में शहीद हुए थे।
आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के संजय बिष्ट की शहीद हो गए। वे 19 कुमाऊं पैरा में तैनात थे। बिष्ट रामगढ़ के हली गांव के रहने वाले थे। अभी उनकी अभी शादी नहीं हुई थी।
संजय की शहादत की खबर सुनते ही उनके परिवार में मातम पसर गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। संजय 2012 में सेना में भर्ती हुए थे। उनके घर में पिता दीवान सिंह, मां मंजू, बहन ममता और भाई हैं।
इस मुठभेड़ में अलीगढ़ के जवान पैरा ट्रूपर सचिन लौर भी शामिल हैं। सचिन की कुछ दिन बाद ही शादी थी। सचिन के अलावा परिवार में बड़े भाई और माता-पिता हैं। सचिन की शहादत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया। सचिन के पिता किसान हैं।
बता दें कि मुठभेड़ के बाद जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने लश्कर के दो आतंकियों को भी ढेर कर दिया। राजौरी में दरमसाल के बाजीमल इलाके में 36 घंटे चली इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर भी शामिल है।
इस पाकिस्तानी आतंकी ने अफगानिस्तान में ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद दहशत फैलाने के लिए बॉर्डर के रास्ते भारत में घुसपैठ की थी। आतंकियों के साथ फायरिंग बुधवार को शुरू हुई थी।
लेकिन बुधवार रात को इलाके को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग बंद कर दी गई थी। गुरुवार सुबह आतंकियों ने फिर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में दो आतंकी मारे गए। मारे गए लश्कर कमांडर की पहचान कारी के तौर पर हुई है।