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मार्च में होली और चैत्र नवरात्रि समेत हैं ये व्रत और त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

ewn24news choice of himachal 26 Feb,2023 3:40 pm

    हिंदू पंचांग में बहुत ही खास होता है ये महीना

    फरवरी का महीना खत्म होने की ओर है। तीन दिन बाद नया महीना मार्च शुरू हो जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्च का महीना बहुत ही खास होता है। मार्च में कई व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं। इस महीने होली से लेकर चैत्र नवरात्रि समेत कई व्रत और त्योहार आएंगे। आज हम इस आर्टिकल में मार्च महीने में पड़ने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार की तारीख बताएंगे ताकि आप समय से अपनी तैयारी कर सकें। इसके साथ ही मार्च महीने के महत्वपूर्ण दिनों की भी जानकारी देंगे

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    ये है मार्च माह के त्योहारों और व्रतों की लिस्ट..

    आमलकी रंगभरनी एकादशी 3 मार्च

    फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी या फिर रंगभरी एकादशी कहा जाता है। इस बार 3 मार्च को रंगभरी एकादशी है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और जो लोग व्रत नहीं भी रख रहे हों, उनको आंवले का जरूर सेवन करना चाहिए। इससे कई गुणा पुण्य की प्राप्ति होती है। मथुरा में रंगभरनी एकादशी के दिन बांके बिहारीजी के मंदिर में होली का विशेष आयोजन होता है। वहीं काशी में रंगभरी एकादशी के अगले दिन शिव-पार्वती का गौना होता है और पूरे शहर में होली खेलते हुए डोला निकाला जाता है।

    होलिका दहन 7 मार्च

    होलिका दहन इस बार 7 मार्च को की जाएगी और 8 मार्च की सुबह होली का रंग खेला जाएगा। फाल्‍गुन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा पर होली मनाई जाती है। इस दिन होलिका दहन करके बुराई पर अच्‍छाई की जीत के प्रतीक के रूप में यह त्‍योहार मनाया जाता है। पौराणिक मान्‍यताओं में बताया जाता है कि इस दिन होलिका ने भगवान विष्‍णु के भक्‍त प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की तो ईश्‍वर ने उसे दंड दिया और वह खुद ही इसकी अग्नि में जलकर राख हो गई थी।
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    शब-ए-बारात 8 मार्च

    मुस्लिमों का प्रमुख त्‍योहार शब-ए-बारात भी 8 मार्च हो है। इस दिन विश्व के सभी मुस्लिम अल्लाह की इबादत करते हैं और दुआएं मांगते हैं। साथ ही अपने गुनाहों के लिए खुदा से माफी मांगते हैं। की तौबा करते हैं।

    श्रीरंग पंचमी 12 मार्च

    चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी रंग खेलने की परंपरा मनाई जाती है। इस तिथि पर अपने इष्ट देवता को रंग अर्पित करके रंगों की होली खेलते हैं। इस दिन को देव पंचमी भी कहते हैं क्योंकि इस दिन देवतागण भी रंगोत्सव मनाते हैं। मान्यता है कि इस दिन रंगोत्सव से तमोगुण का नाश होता है और जीवन में आनंद की वृद्धि होती है। रंग पंचमी को लेकर ऐसी मान्‍यता है कि होलाष्टक के दिन कामदेव के भस्म हो जाने पर देवलोक में उदासी छा गई थी। तब सभी देवताओं ने कामदेव जीवित करने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की थी, तब भगवान शिव ने कामदेव को किया था। उस दिन चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी रंग पंच फिर से जीवित हो गए थे। कामदेव के फिर से जीवित होने पर देवलोक में खुशी का माहौल छा गया था, इसी उपलक्ष्य में रंग पंचमी का त्योहार मनाते हैं।

    पापमोचिनी एकादशी 18 मार्च

    जैसा कि नाम से ही स्‍पष्‍ट हो रहा है। चैत्र मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं और इस व्रत को करने से आपके सभी पापों का अंत होता है और अंत में देवलोक की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी 18 मार्च को पड़ रही है। इस दिन व्रत करने से सारे संकटों से मुक्ति मिलती है।

    मासिक शिवरात्रि 20 मार्च

    प्रत्‍येक महीने एक शिवरात्रि आती है और यह हर माह की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। भगवान शिव को समर्पित यह तिथि इस बार 20 मार्च को है। मासिक शिवरात्रि का व्रत परिवार की सुख-शांति के साथ संतान को कष्‍टों से दूर रखने के लिए किया जाता है। शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं में मासिक शिवरात्रि का व्रत करना सबसे उत्तम माना गया है। इस व्रत से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत जीवन पर्यंत करें या फिर आप चाहें तो 14 साल बाद उद्यापन भी कर सकते हैं।

    चैत्र अमावस्या 21 मार्च (भौमवती)

    चैत्र मास की अमावस्‍या तिथि धार्मिक दृष्टि से खास मानी जाती है और इस साल 21 मार्च को चैत्र अमावस्‍या है। यह अमावस्‍या 21 मार्च, मंगलवार को पड़ रही है, इसलिए इसे भौमवती अमावस्‍या कहा जा रहा है। इस दिन पितरों के निमित्‍त दान-पुण्य करने का शास्‍त्रों में खास महत्‍व माना गया है।

    गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्र और विक्रमी संवत 2080 आरंभ, 22 मार्च

    हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र मास की प्रतिपदा से माना जाता है। चैत्र मास की प्रतिपदा से ही नवरात्र का आरंभ होता है। इस बार चैत्र नवरात्र का आरंभ 22 मार्च से हो रहा है और इसी दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ माना जा रहा है। इसी दिन महाराष्‍ट में गुड़ी पड़वा का प्रमुख त्योहार मनाया जाता है।

    गौरी तृतीया (गणगौर) 24 मार्च

    प्रमुख रूप से राजस्‍थान में मनाया जाने वाला यह त्‍योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होती है। गणगौर इस बार 24 मार्च को मनाई जागी। है। 16 दिन तक चलने वाली गणगौर पूजा यूं तो राजस्थान का मुख्य पर्व है, लेकिन इसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के कुछ इलाकों में मनाया जाता है। गणगौर को गौरी तृतीया भी कहते हैं।

    रमजान रोजे शुरू 24 मार्च

    इस बार मुस्लिम समुदाय के पाक महीने रमजान का आरंभ भी 24 मार्च से हो रहा है। करीब एक महीने के रोजे रखने के बाद मुस्लिम लोग 21 या फिर 22 अप्रैल को ईद मनाएंगे। मुस्लिम कैलेंडर के नौवें महीने को पाक महीना माना जाता है और इस पूरे महीने मुसलमान सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले अन्न और पानी ग्रहण नहीं करते।

    दुर्गाष्टमी 29 मार्च

    चैत्र नवरात्र की अष्‍टमी तिथि को दुर्गाष्टमी कहते हैं। इसे महाअष्‍टमी कहा जाता है। इस साल चैत्र नवरात्र की दुर्गाष्‍टमी 29 मार्च को है। दुर्गाष्‍टमी पर व्रती कन्‍याओं को भोजन करवाते हैं और उन्‍हें यथा संभव दान देते हैं।

    रामनवमी 30 मार्च

    चैत्र नवरात्र की नवमी को देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम का जन्‍म हुआ था। नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र में और कर्क लग्न में अयोध्या में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या की कोख से हुआ था। इस बार यह तिथि 30 मार्च को है। इस दिन पूरे देश में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और भगवान राम की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस दिन हजारों लोग अयोध्या पहुंचकर सरयू नदी में स्नान करते हैं। इसी दिन अयोध्या में चैत्र राम मेले का भव्य आयोजन भी किया जाता है।


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