बंगाल और गुजरात के सैलानियों ने नहीं किया किनारा
शिमला। इस बार नवरात्र में पर्यटक काफी कम तादात में शिमला पहुंचे। नवरात्र के दौरान
शिमला में 30 फीसदी से कम
ऑक्यूपेंसी रही, जिससे पर्यटन कारोबारी परेशान हैं। नवरात्र के दौरान पहाड़ों की रानी शिमला पर्यटकों से गुलजार रहती थी।
हर वर्ष नवरात्र के दौरान दुर्गा पूजा के लिए बंगाल और गुजरात से सैलानी बड़ी संख्या में शिमला आते थे। इसके लिए एक माह पहले ही बुकिंग शुरू हो जाती थी। कारोबारियों को
नवरात्र में कारोबार बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आपदा में पहले ही पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ था, वहीं अब स्थिति सामान्य होने के बाद
पर्यटक कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद थी, लेकिन बाहरी राज्यो के टेम्पों ट्रेवलर और वोल्वो बसों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने से पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ।
शिमला टुअर एंड ट्रेवल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन पॉल ने कहा कि इस बार नवरात्र में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप रहा है। 10 जुलाई के बाद आपदा के चलते सभी
बुकिंग कैंसिल हो गई थीं और तीन महीने तक कारोबार जीरो हो गया था।
इसके बाद इस महीने कारोबार पटरी पर लौटने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार द्वारा टेम्पो ट्रेवलर पर टैक्स लगा दिया, जिससे बाहरी राज्यों के टुअर ट्रेवलर ने हिमाचल से किनारा कर लिया और काफी बुकिंग रद्द हो गई है।
सरकार ने टैक्स लगाने का फैसला वापस लेने में देरी की, जिससे पर्यटकों ने अन्य राज्यों का रुख किया और प्रदेश में नवरात्र में भी कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया। इस दौरान केवल 30 फीसदी तक ही ऑक्यूपेंसी रही, जबकि इस दौरान शिमला पूरी तरह से पैक रहता था।
उन्होंने कहा कि पर्यटन कारोबार को पटरी पर लाने के लिए सरकार को जिस तरह से प्रयास करने चाहिए थे, उस तरह के प्रयास नहीं किए गए।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए योजना बनानी चाहिए। पर्यटन निगम हर साल करोड़ों के पम्पलेट छपवाते हैं, लेकिन कही भी वो नजर नहीं आते हैं। सरकार को पर्यटन नीति में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब विंटर सीजन पर पर्यटन कारोबारियों की नजरें टिकी हैं, लेकिन अभी तक काफी कम बुकिंग हो रही है।