Breaking News

  • हिमाचल की सुक्खू सरकार मनाने जा रही दो साल का जश्न और PWD मंत्री को नहीं जानकारी
  • प्रबोध सक्सेना बोले- हिमाचल में जो 50 साल में न हुआ वो हो रहा
  • मंडी : अग्निवीर भर्ती रैली में आज 636 युवाओं ने लिया भाग
  • हिमाचल में सूखी ठंड का कहर, शिमला में एक व्यक्ति की ली जान
  • HPPSC ने क्लास वन से थ्री तक के पदों के पेपर-1 का सिलेबस किया जारी
  • अच्छी नहीं खबर : हिमाचल में अगले सात दिन तक बारिश की नहीं संभावना
  • HPTDC के 18 होटल बंद करने का मुद्दा गरमाया, नरेश चौहान ने घेरी भाजपा
  • हिमाचल लोक सेवा आयोग ने इस स्क्रीनिंग टेस्ट का रिजल्ट किया घोषित
  • मेजर अशोक कपूर और कविता कपूर को शादी की 17वीं सालगिरह की बधाई
  • CBSE ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की डेट शीट की जारी-15 फरवरी से होंगी

Good News: हिमाचल में आम की 6 नई किस्में तैयार, मालामाल होंगे बागवान

ewn24news choice of himachal 27 Apr,2023 3:00 pm

    नूरपुर के जाच्छ में 605 पौधों का बगीचा तैयार किया

    ऋषि महाजन/नूरपुर। हिमाचल बागवानी विभाग ने आम की 6 नई किस्में तैयार की हैं। इन किस्मों की खासियत है कि पौधे से पौधे की दूरी 3 मीटर के करीब रख कर एक कनाल में ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं। तीन साल के बाद ये आम के पौधे पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। आम के इन पौधों की लंबाई केवल सात से आठ फीट तक ही होगी, जिससे किसानों को फल तोड़ने में भी आसानी होगी।
    Breaking : सीएम सुक्खू की बड़ी बात - हिमाचल में नहीं होंगी शिक्षकों की अस्थाई नियुक्ति

     

    इसके साथ ही आम के शौकीनों को नया स्वाद मिलेगा। आम की इन हाइब्रिड किस्मों में फल ऑफ सीजन यानी सितंबर में तैयार होता है, जोकि सिंदूरी और लाल रंग का होगा। हिमाचल के किसान-बागवान बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के साथ सामान्य बागवानी की तुलना में उतने ही क्षेत्र में तीन से चार गुणा ज्यादा उत्पादन कर ऊंचे दाम पा सकेंगे।
    शिमला : IGMC के टॉप फ्लोर में भड़की आग, लाखों का नुकसान

    हिमाचल के बागवानी विभाग ने 1,293 करोड़ रुपए से विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना (एचपीएचडीपी) के अंतर्गत फल संतति एवं प्रदर्शन केंद्र जाच्छ (नूरपुर) में लगभग 13 कनाल क्षेत्र में आम की 6 नई किस्मों के साथ 605 पौधों का बगीचा तैयार किया है। इसमें पूसा अरुणिमा, पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, पूसा श्रेष्ठा, मल्लिका तथा चौंसा किस्में तैयार की गई हैं। विभाग ने भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली से इन पौधों की कलमें लाकर पीसीडीओ केंद्र, जाच्छ में पौधों को तैयार किया गया है।
    शिमला में हादसा- कार के खाई में गिरने से एक की गई जान

    इसमें रेज्ड बेड प्रणाली बनाई गई है, जिस पर इन पौधों को लगाया गया है। इनकी सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम भी लगाया गया है। इन पौधों पर दूसरे वर्ष से ही फल लगना शुरू हो गए हैं, लेकिन इनके बेहतर विकास के लिए फलों को तोड़ दिया गया है। परागन के लिए यहां मधुमक्खियों के लिए प्राकृतिक मड हाउस बनाए गए हैं।

    विभाग ने इन किस्मों के अब तक 2,500 पौधे तैयार किए हैं। इन पौधों को विभाग क्लस्टर में बागवानी कर रहे किसानों को मुहैया करवाएगा। इसके अतिरिक्त विभाग ने इस वर्ष आम,लीची, किन्नू, गलगल, पपीता तथा कटहल सहित अन्य फलों के 30 हजार पौधे तैयार कर बागवानों को उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा है, जिससे बागवान आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से आम के साथ अन्य फलों की खेती कर सकेंगे।

     

    रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए इस केंद्र में मनरेगा के तहत पंजीकृत लोगों को नर्सरी में काम के लिए लगाया जाता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार के साथ बागवानी बारे तकनीकी ज्ञान भी प्राप्त हो रहा है।
    नई किस्म की विशेषताएं

    आम की पारंपरिक खेती (साधारण बागवानी) में पौधे से पौधे की दूरी 10 मीटर के करीब रखी जाती है, जहां एक कनाल भूमि पर मात्र 4 पौधे ही लगते थे। वहीं, नई किस्म के तैयार होने से हाई डेंसिटी बागवानी करते समय अब पौधे से पौधे की दूरी 3 मीटर के करीब रख कर भूमि पर 44 पौधे लगाए जा सकते हैं यानी अब किसान अपनी सीमित भूमि से भी अधिक उत्पादकता के साथ ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे।
    27 अप्रैल 2023 का राशिफल : आज क्या कहती है आपकी राशि, पढ़ें

     

    राज्य के बागवानों की दशहरी, लंगड़ा, चौसा तथा संदूरी आम की फसल अन्य आम उत्पादक राज्यों की फसल के साथ पीक सीजन में बाजार में आती है। यह आम अधिकतर हरे व पीले रंग के ही होते हैं, जिस कारण बागवानों को प्रतिस्पर्धा के कारण उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पाता है, लेकिन आम की इन हाइब्रिड किस्मों में फल ऑफ सीजन यानी सितंबर में तैयार होता है, जोकि सिंदूरी और लाल रंग का होगा।

    हिमाचल के किसान-बागवान बाजार की प्रतिस्पर्धा में बने रहने के साथ सामान्य बागवानी की तुलना में उतने ही क्षेत्र में तीन से चार गुणा ज्यादा उत्पादन कर ऊंचे दाम पा सकेंगे।
    क्या कहते हैं बागवानी विभाग के अधिकारी

    बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ. कमलशील नेगी ने बताया कि वर्ष 2021 में विभाग ने भारतीय कॄषि अनुसंधान संस्थान, पूसा (नई दिल्ली) से आम की इन किस्मों की कलमें लाकर पीसीडीओ केंद्र, जाच्छ में बगीचा लगाकर पौधों की नई किस्मे तैयार की हैं। इसके अतिरिक्त विभाग ने इस केंद्र में लीची, किन्नू, गलगल, पपीता तथा कटहल के पौधे तैयार किए हैं, जिनके पौधे भी सीजन पर किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
    कुल्लू: फर्नीचर हाउस से चोरी लकड़ी के 54 स्लीपर बरामद, मामले में दो लोग आरोपी

    बागवानी विभाग किसानों को आधुनिक व वैज्ञानिक तरीके से बागवानी करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कोर्स भी आयोजित करवाता है। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रशिक्षण टूअर पर भी भेजता है। उनका कहना है कि प्रदेश के बागवान इस प्रदर्शन केंद्र का जरूर भ्रमण करें, ताकि वे आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से बागवानी करने के गुर सीख सकें।
    कुल्लू-मनाली में बर्फ के पहाड़ के नीचे दबे बहुत लोग, झूठी है खबर 

    बता दें कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश को फल राज्य के तौर पर नई पहचान दिलाने के साथ बागवानों को आर्थिंक रूप से समृद्ध बनाने के लिए बागवानी विकास को विशेष प्राथमिकता दे रहे हैं। राज्य में फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फल क्लस्टर/हब विकसित करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने कार्य शुरू करने की पहल की है, जिसके तहत हाई डेंसिटी प्लांटेशन और माइक्रो इरीगेशन सिस्टम को विकसित किया जाएगा।
    कष्ट निवारण मां बगलामुखी : सच्चे मन से जो आए मनचाहा फल पाए



     




    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेटपढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 


Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather