शिमला। हिमाचल प्रदेश व्यावसायिक शिक्षक संघ ने वोकेशनल एजुकेशन से कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाने की मांग को लेकर आवाज बुलंद कर दी है।
संघ ने सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। साथ ही चेताया कि फिर भी सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वोकेशनल टीचर शिमला में सरकार के खिलाफ हल्ला बोल देंगे।
वोकेशनल एजुकेशन को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच एमओयू होता है, लेकिन संघ कंपनी पर शिक्षकों का शोषण का आरोप लगा रहा है।
हिमाचल प्रदेश व्यावसायिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया और राज्य महासचिव नीरज बंसल ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर कहा कि यदि सरकार एमओयू से कंपनी को बाहर नहीं करती है तो 1 नवंबर 2024 से आंदोलन के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रहेगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2174 वोकेशनल टीचर 1200 स्कूलों में शिक्षा दे रहे हैं। हरियाणा की पूर्व सरकार ने व्यावसायिक शिक्षा से कंपनियों को बाहर कर वोकेशनल टीचर को सीधा निगम में सम्मिलित कर ऐतिहासिक कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि ये कंपनियां 2013 से लगातार शोषण कर रही हैं। उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जाता है। कंपनी कामों में कोई दिलचस्पी न दिखाकर वोकेशनल टीचर पर कंपनी कार्यों को करने का अतिरिक्त बोझ डाल रही है।
उन्होंने कहा कि वेतन प्रदान करने के नाम पर सालाना सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाली कंपनियों को वोकेशनल एजुकेशन से बाहर करना जरूरी है, ताकि वोकेशनल एजुकेशन को सुदृढ़ किया जा सके और वोकेशनल टीचर को जॉब सुरक्षा मिल सके।