हिमाचल बजट : ‘हिमकेयर’ और ‘सहारा’ योजना को लेकर बड़ी अपडेट- डिटेल में पढ़ें
ewn24news choice of himachal 17 Feb,2024 8:31 pm
डोमेन विशेषज्ञ की सहायता से कमियों को किया जाएगा दूर
शिमला। हिमाचल में कैंसर की रोकथाम तथा उपचार के लिए आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था के दृष्टिगत मेडिकल कॉलेज हमीरपुर (Dr. Radhakrishnan Medical College Hamirpur) में 100 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट ऑफ द आर्ट्स फेसलिटी (State of the Art facilities) के साथ स्टेट कैंसर इंस्टीच्यूट (State Cancer Institute) स्थापित किया जाएगा।
यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को विधानसभा में बजट भाषण में की है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की सहायता से प्रदेश में बढ़ते कैंसर के रोगियों के कारणों का पता भी लगाया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कैंसर पीड़ित मरीजों को प्रदेश में ही कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और पैलिएटिव केयर (Palliative Care) की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों तथा चयनित ‘आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंसर डे केयर सेंटर्स (Cancer Day Care Centres) की स्थापना की जाएगी।
इन केंद्रों में कीमोथेरेपी ले रहे सभी मरीजों के लिए बिस्तर का प्रावधान होगा। कीमोथेरेपी दवाओं को राज्य आवश्यक दवा सूची में सम्मिलित किया जाएगा, ताकि मरीजों को कीमोथेरेपी के लिए अधिक पैसा व्यय न करना पड़े।
आईजीएमसी शिमला (Indira Gandhi Medical College Shimla) में कैंसर पीड़ित रोगियों के उन्नत रेडियोथेरेपी (Advanced Radio Therapy) तकनीक से उपचार के लिए 21 करोड़ रुपये की लागत से एक LINAC (Linear Accelerator) मशीन स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सभी सरकारों ने प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए बहुत सी योजनाएं आरंभ की हैं। ऐसी ही योजनाओं में से ‘हिमकेयर’ और ‘सहारा’ 2019 में शुरू की गईं और इनका लाभ भी जन साधारण तक पहुंचा है।
लेकिन, इनसे संबंधित Emperical Data के विश्लेषण (Analysis) के बाद इनके कार्यान्वयन में कुछ संरचनात्मक (Structural) और ऑपरेशनल (Operational) समस्याएं उजागर हुई हैं।
इनमें से प्रमुख समस्या है कि convergence और तकनीकी (Technology) की एप्लीकेशन (Application) के अभाव में कुछ योजनाओं में दोहराव (Duplication) की समस्या आ रही है।
इसके लिए राष्ट्रीय स्तर के डोमेन विशेषज्ञ (Domain Experts) की सहायता से इन कमियों को दूर करके कुछ आवश्यक सुधार करने की घोषणा की गई है। तब तक इन दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन यथावत होता रहेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल 3 हजार 415 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
बजट भाषण के अनुसार प्रथम चरण में प्रदेश के 53 स्वास्थ्य संस्थानों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफार्मेशन सर्विस (Hospital Management Information Service) की स्थापना की जाएगी।
इससे मरीजों को उनके डिजिटल रिकॉर्ड (Digital Record) के आधार पर बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो पाएंगी। इस क्रम में लगभग 57 लाख प्रदेशवासियों का आभा आईडी बनाया जा चुका है और शीघ्र ही सभी पात्र प्रदेशवासियों का आभा आईडी बना दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में हिमाचल में स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) के बढ़ते हुए मामलों के दृश्टिगत 1 करोड़ रुपये की लागत से स्टेट लेवल स्क्रब टाइफस रिसर्च यूनिट (State Level Scrub Typhus Research Unit) स्थापित करने की घोषणा की है।
डॉ राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा और कमला नेहरू अस्पताल शिमला में नवजात शिशुओं में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए शिशुओं तथा जच्चाओं के लिए 'स्तनपान प्रबंधन केंद्र (Lactation Management Centres) स्थापित किए जाएंगे।
प्रदेश के जिन स्वास्थ्य संस्थानों में X-Ray की सुविधा नहीं है, वहां के निवासियों की सुविधा के लिए निजी चिकित्सकों के माध्यम से यह सुविधा प्रदान की जाएगी। 2026 के अंत तक प्रत्येक जिले में सभी टेस्ट सुविधाओं सहित एक एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (Integrated Public Health Lab) की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछले बजट में घोषित नाहन, चंबा औऱ हमीरपुर में नए नर्सिंग कॉलेजों में निर्माण कार्य शुरू होगा। टांडा मेडिकल कॉलेज में जीएनएम स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में स्तरोन्नत किया जाएगा।
बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, परवाणु, पांवटा और ऊना औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी कामगारों की हेल्थ स्क्रीनिंग (Health Screening) के लिए एक गेस्ट वर्कर स्क्रीनिंग प्रोजेक्ट (Guest Worker Screening Project) आरम्भ किया जाएगा।