हिमाचल में 16 जून से मछली पकड़ने पर रोक, कानून तोड़ा तो जाना होगा जेल
ewn24news choice of himachal 15 Jun,2023 10:00 am
दो महीने फ्लाइंग स्क्वायड करेगा निगरानी
शिमला। मछली खाने के शौकीनों को अब दो महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। इसका कारण ये है कि हिमाचल के जलाशयों एवं सामान्य नदी-नालों व इनकी सहायक नदियों में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
बीज डालने और मत्स्य प्रजनन को लेकर हर वर्ष 2 माह तक यह प्रतिबंध रहता है। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में नवंबर से जनवरी माह तक ट्राऊट मछली के शिकार पर प्रतिबंध रहता है। प्रतिबंध के दौरान शरारती तत्वों पर नजर रखने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा भी निगरानी की जाएगी, वहीं प्रदेश के सभी 5 बड़े जलाशयों में कैंप लगाए जाएंगे।
इन आदेशों की अवहेलना करने वालों को 3 वर्ष तक की कैद और 5,000 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। पहले यह प्रतिबंध हर साल पहली जून से 13 अगस्त तक रहता था, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। यानी 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
बता दें कि हिमाचल के जलाशयों एवं सामान्य नदी-नालों व इनकी सहायक नदियों में 12,000 से अधिक मछुआरे मत्स्य आखेट से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं। प्रदेश के 5 जलाशयों गोबिंद सागर, पौंग, चमेरा, कोल डैम एवं रणजीत सागर में 5500 से अधिक मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य जगह पर 6,000 से अधिक मछुआरे फैंकवां जाल के साथ मछली पकड़ रहे हैं।
सभी मछुआरों को निरंतर मछली मिलती रहे इसका दायित्व हिमाचल प्रदेश मत्स्य पालन विभाग का है। इसके लिए मत्स्य विभाग प्रतिवर्ष 2 माह के लिए मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है क्योंकि इस अवधि में अधिकतर महत्वपूर्ण प्रजातियों की मछलियां प्रजनन करती हैं, जिससे जलाशयों में स्वत: मछली बीज संग्रहण हो जाता है।