शिमला। हिमाचल में महीने की तीन तारीख तक कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन न मिलने का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। आर्थिक हालातों को लेकर विपक्ष के हमले और कर्मचारियों की सैलरी में हो रहे विलम्ब को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वित्तीय अनुशासन के दौरान इस तरह की दिक्कतें पेश आती हैं।
वह सदन में भी इस विषय पर अपना वक्तव्य देंगे। भाजपा के वित्तीय कुप्रबंधन के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इस पर सदन में विपक्ष चर्चा करे कि वित्तीय कुप्रबंधन किसने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में उन लोगों का बिजली-पानी का बिल माफ कर दिया, जो करोड़ों रुपए टैक्स भरते हैं। डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश के खजाने को लूटा है।
भाजपा ने बिना सोचे समझे मुफ्त में उन लोगों को लाभ दिए, जिन्हें जरूरत नहीं है। उन्होंने फिर दोहराया कि प्रदेश में अब आर्थिक संकट नहीं है। सरकार आर्थिक संकट से उभरकर वित्तीय प्रबंधन कर आत्मनिर्भर हिमाचल की ओर आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की आय में वृद्धि के लिए कदम उठाए हैं। गरीब लोगों के अलावा अन्य से बिजली और पानी के बिल लिए जाएंगे। बसों के किराए में रिफार्म किए जा रहे हैं।
ठेकों की नीलामी से इस वर्ष डेढ़ सौ करोड़ से अधिक अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार डीजल में और वृद्धि करने जा रही है।
वहीं, सदन में विपक्ष की भूमिका को लेकर सीएम ने कहा कि सदन में सत्ता पक्ष को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। विपक्ष का काम सवाल करना और सरकार का जवाब देना होता है।
सदन में विपक्ष की सनसनीखेज बातों से मुद्दा भटक जाता है और विपक्ष वॉकआउट करके बाहर चला जाता है। स्पीकर ने आज प्रश्नकाल से पहले उन्हें बोलने का मौका दिया है।