शिमला। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या काफी चिंताजनक है। ऐसे ही रहा तो वह दिन दूर नहीं जब संख्या सैकड़ों में रह जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-2023 में सरकारी शिक्षण संस्थानों में जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 लाख 30 हजार 466 थी, वहीं वर्ष 2023-24 में यह संख्या घटकर 49 हजार 295 हो गई है।
वर्तमान में प्रदेश में 89 प्राथमिक स्कूलों और 10 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। उन्होंने कहा कि 701 प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या मात्र पांच है और इनमें से 287 विद्यालय दूसरे विद्यालय से दो किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं।
इसके अलावा 109 अतिरिक्त विद्यालयों में छात्रों की संख्या केवल पांच है। इसके अलावा 46 मिडल स्कूल तीन किलोमीटर के दायरे में स्थित हैं और 18 अन्य स्कूलों में छात्रों की संख्या केवल पांच है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हालातों के मद्देनजर स्कूलों के कामकाज को तर्कसंगत बनाना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि विद्यार्थियों की कम संख्या वाले विद्यालयों को विलय करने की संभावनाएं तलाश की जाएं। उन्होंने कहा कि विद्यालयों को विलय करने के कदम से पर्याप्त स्टाफ भी उपलब्ध होगा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी दी जा सकेगी।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है। इससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने के साथ-साथ उनका समग्र विकास सुनिश्चित होगा, जिससे वे राष्ट्र के सशक्त नागरिक बनेंगे।
उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर व स्पीति में दो पूर्ण सुसज्जित बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जाएंगे, ताकि इन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने शिक्षा विभाग को संबंधित क्षेत्रों में इन बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए।
सुक्खू ने कहा कि स्कूलों में बेहतर संसाधन जुटाने के लिए सरकार ने क्लस्टर बनाए हैं तथा स्कूल प्रबंधन को छात्रों के लिए अपनी पसंद की स्मार्ट वर्दी चुनने का विकल्प दिया गया है। वर्तमान राज्य सरकार ने सरकारी संस्थानों में मानकों को बढ़ाने के लिए कई अभिनव पहल की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम भी लागू किया है।
बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर तथा मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। सचिव शिक्षा राकेश कंवर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत सिंह, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।