कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का लक्ष्य, हर जिले में बनेंगे हेलीपोर्ट: सीएम सुक्खू
ewn24news choice of himachal 14 Feb,2023 6:24 pm
अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में आड़े नहीं आएगी पैसों की कमी
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला में कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए पैसों की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेजी से होने वाले विकास कार्यों में कहीं ना कहीं आर्थिक कमजोरी बाधा बन रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का लक्ष्य रखा हैं, जिसको लेकर कॉन्सेप्ट पेपर तैयार हो रहा है और इस विभाग से संबंधित अधिकारी अधिकारी उसका रोडमैप तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलीपैड तो प्रदेश में हर जगह हैं, लेकिन हेलीपोर्ट की जो कमी हैं, उनको हम डीजीसीए की अनुमति से ही बनाए जाएंगे। जिसके लिए हमने 9 जिलों का चयन किया है। उन्हीं में से हम डीपीआर बना रहे हैं ताकि हमें भविष्य में कोई दिक्कत पेश ना आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे। प्रदेश के रोड कनेक्टिविटी ढांचे को और सुदृढ किया जाएगा और गांवों को बेहतर सड़क सुविधाओं से जोड़ने के लिए बड़ी कार्ययोजना पर सरकार काम कर रही है।
सुक्खू ने कहा कि टूरिज्म का बजट पहले 7 से 10 करोड़ तक होता था, जिस कारण हिमाचल पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ता रहा। हिमाचल में जो भी टूरिस्ट आता है वो केवल दो या तीन दिन के लिए ही यहां रुकता है। टूरिस्ट को यहां पर 7 दिन या इससे अधिक दिनों तक कैसे रोका जाए इस कॉन्सेप्ट पर काम किया जा रहा है, जिसका बजट में खुलासा होगा।
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को बने हुए अभी केवल दो महीने ही हुए हैं। पिछली सरकार की सारी समस्याएं हमारे पास आ रहीं हैं और हम उन्हें चुनौती मानकर निपटाने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश का परिवहन विभाग पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग करने वाला देश का पहला सरकारी विभाग बन गया है। इस नई पहल से परिवहन विभाग देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनकर उभरा है। जो व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के बाद अब सरकार राज्य के अन्य विभागों की परंपरागत ईंधन वाहनों को भी एक साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ प्रतिस्थापित करेगी। इसके साथ ही विभिन्न विभागों के खर्चों में काफी कमी आएगी।