हमीरपुर। होटलों, ढाबों और मिठाई की दुकानों आदि में तलाई के बाद बचे खाद्य तेल यानि रेजिड्यूल यूज्ड कूकिंग ऑयल (रूको) के बार-बार उपयोग को रोकने और इसे जहां-तहां फेंकने के बजाय इससे बायो डीजल बनाने के लिए जिला हमीरपुर में विशेष व्यवस्था की जा रही है।
एडीएम राहुल चौहान ने बताया कि जिला में इस तेल की कलेक्शन के लिए प्राधिकृत बद्दी की एक फर्म सूर्या एनवायरो बायो डीजल मेन्युफेक्चरर को 20 अक्टूबर का दिन निर्धारित किया है। एडीएम ने जिला के सभी होटल, ढाबों, रेस्तरां और हलवाई की दुकानों के मालिकों से आग्रह किया है कि वे इस तेल को किसी कंटेनर में स्टोर करके रखें, ताकि इसे 30 रुपये प्रति लीटर की दर से बद्दी की फर्म को भेजा जा सके।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार अभी जिला हमीरपुर के विभिन्न होटलों, ढाबों, रेस्तरां और दुकानों में केवल लगभग 410 लीटर तेल ही उपलब्ध है। जबकि, 30 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद और परिवहन संबंधी व्यय की भरपाई के लिए प्राधिकृत फर्म को कम से कम 800 लीटर तेल की आवश्यकता है।
एडीएम ने कहा कि आने वाले दिनों में दीपावली और अन्य त्योहारों के दौरान मिठाइयों आदि की अत्यधिक मांग होने के कारण जिला में इस तरह के तेल की मात्रा काफी ज्यादा हो सकती है। इसलिए, सभी व्यवसायी इस तेल को स्टोर करके रखें, ताकि प्राधिकृत फर्म इसे यहीं से 30 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद करके बद्दी ले जा सके।
राहुल चौहान ने जिला के सभी होटल, ढाबा, रेस्तरां और मिठाई की दुकानों के मालिकों से अपील की है कि वे त्योहारी सीजन के दौरान मिठाइयां बनाने के लिए गुणवत्तायुक्त तेल का प्रयोग करें तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के मानदंडों के अनुसार खाद्य तेल को बार-बार तलाई के लिए उपयोग न करें। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को त्योहारों के दौरान दुकानों के नियमित रूप से निरीक्षण और सैंपलिंग-टेस्टिंग के निर्देश भी दिए।