शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने सीपीएस (CPS) की नियुक्ति को अवैध बताया है। हाईकोर्ट ने सीपीएस को हटाने के आदेशों के साथ एक्ट को रद्द करने के आदेश दिए हैं।
राहत की बात यह है कि विधायक बने रहेंगे।
हिमाचल हाईकोर्ट ने आज मुख्य संसदीय सचिव मामले में अपना फैसला सुनाया। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की बैंच में मामले की सुनवाई हुई।
हाईकोर्ट बीते जनवरी महीने में CPS द्वारा मंत्रियों जैसी शक्तियों का उपयोग न करने के अंतरिम आदेश सुना चुका है।
सरकार ने 6 विधायकों को सीपीएस (CPS) बना रखा है, उनमें रोहडू के MLA एमएल ब्राक्टा, कुल्लू के सुंदर सिंह ठाकुर, अर्की के संजय अवस्थी, पालमपुर के आशीष बुटेल, दून के राम कुमार चौधरी और बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल शामिल हैं। सरकार इन्हें गाड़ी, दफ्तर, स्टाफ और मंत्रियों के समान वेतन दे रही है।
राहत की बात यह है कि विधायक बने रहेंगे।