मंडी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने गेस्ट फैकल्टी पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ सोमवार को मंडी में डीसी ऑफिस के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया।
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि यह पॉलिसी न केवल योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन करती है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। विद्यार्थी परिषद का मानना है कि यह कदम स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को बाधित करेगा और शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेगा।
विशाल ठाकुर ने कहा कि यह पॉलिसी न केवल शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई और शिक्षा के स्तर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। उन्होंने सरकार से इस नीति को तुरंत निरस्त करने और स्थायी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार गेस्ट टीचर पॉलिसी पर पुनः विचार करे।
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि वर्तमान सरकार के मंत्रियों ने कहा था कि हम सता में आते ही प्रदेश के युवाओं को स्थायी नौकरियां (58) साल की देंगें। उन्होंने कहा कि सरकार स्थायी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दें।
शिक्षकों और छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा के लिए ठोस नीति बनाई जाए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार इस पॉलिसी को रद्द नहीं करती है, तो विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगा।
चिराग ठाकुर ने कहा कि सरकार गेस्ट टीचर पॉलिसी के आधार पर शिक्षकों की भर्ती को प्राथमिकता देने के बजाय तात्कालिक उपाय के रूप में लागू की जा रही है, जिससे हजारों बेरोजगार युवा प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचर्स को अस्थायी रूप से नियुक्त करना शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि गेस्ट टीचर्स को कम वेतन और अस्थिर नौकरी की स्थिति में काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा, जो उनके अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे आगे आने वाले समय में बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
अक्षय ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्थायी भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए एवं छात्रों के हित में योग्य और स्थायी शिक्षकों की भर्ती की जाए। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए तथा शिक्षकों की भर्ती केवल योग्यता और निष्पक्षता के आधार पर हो। गेस्ट फैकल्टी पॉलिसी में बदलाव किए जाएं और पॉलिसी में सुधार कर इसे छात्रों और शिक्षकों दोनों के हित में बनाया जाए।