शिमला। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र का आज समापन हो गया। सत्र में 16 बैठकें आयोजित की गईं। 75 घंटे सदन की कार्यवाही चली। इस दौरान 639 तारांकित सवाल पूछे गए, जबकि 257 आतारांकित प्रश्न पूछे गए। नियम 67 के तहत 2 चर्चाएं की गई। नियम 62 के तहत 5 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए। नियम 63 के तहत भांग की खेती को लीगल करने को लेकर 1 चर्चा प्रस्ताव लाया गया। नियम 130 के तहत 7 चर्चाएं की गई। 8 सरकारी विधेयक पास किए गए। नियम 324 के तहत 8 विषय सदन में लाए गए। 17 मार्च को मुख्यमंत्री ने बजट पेश किया, जिसमें 52 सदस्यों ने बजट चर्चा में भाग लिया।
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सत्र खत्म होने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सत्र सौहार्दपूर्ण तरीके से खत्म हुआ है। सत्र में विपक्ष को बोलने का पूरा मौका दिया गया। कर्ज को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विपक्ष बौखलाहट में है, इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री को सदन में गुस्सा आ रहा था। सरकार प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए आगे बढ़ रही है। आने वाले चार वर्षों में प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाएंगे और आगामी दस वर्षों में प्रदेश देश का सबसे शक्तिशाली राज्य होगा।
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सत्र की समाप्ति पर कहा कि सदन में उन्होंने जनहित से जुड़े मुद्दे उठाए। साथ ही सरकार द्वारा लिए गए जनविरोधी निर्णयों को भी उठाया गया। हिमाचल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ सरकार ने संस्थान बंद किए, जिसकी वजह से विपक्ष को विरोध में आना पड़ा। विपक्ष सदन के बाहर भी जनता की आवाज उठाएगा। विपक्ष लोकतंत्र प्रभारी योजना को बंद करने सहित संस्थान बंद करने को लेकर सरकार को घेरता रहेगा।