शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला के संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को तोड़ने का काम सोमवार यानी आज से शुरू हो गया है।
वक्फ बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध निर्माण को गिराने का फैसला लिया है। इस दौरान संजौली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
मस्जिद कमेटी के प्रधान मोहम्मद लतीफ ने बताया कि जमीन का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास है इसलिए मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराने से पहले वक्फ की एनओसी लेना जरूरी था। हमें वक्फ बोर्ड से एनओसी मिल गई है और हमने मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए मजदूर बुला लिए हैं. आज से अवैध हिस्से को हटाने का काम शुरू हो गया है।
उन्होंने ये भी बताया कि अवैध हिस्से को गिराने के लिए हमारे पास पर्याप्त फंड नहीं है। जैसे-जैसे फंड उपलब्ध होगा मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराते रहेंगे। फंड की कमी की वजह से काम में 2 महीने से ज्यादा समय लग सकता है। अवैध हिस्सा हटाने को लेकर मस्जिद कमेटी की ओर से नगर निगम कमिश्नर और अन्य संबंधित अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है।
बता दें कि इस मामले को लेकर 5 अक्टूबर को शिमला कमिश्नर कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए 2 महीने का समय दिया था साथ ही कहा अवैध मंजिलों को गिराने का खर्च मस्जिद कमेटी को खुद उठाना होगा।
गौर हो कि 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध ढांचे को गिराने के लिए निगम कोर्ट से अनुमति मांगी थी, वहीं, बचे हुए ग्राउंड फ्लोर और पहले हिस्से को लेकर अब मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
30 अगस्त 2024 को दो समुदायों के बीच हुई मारपीट की घटना हुई थी। आरोप है कि मारपीट करने वाले विशेष समुदाय के 6 आरोपियों में कुछ लोगों ने भागकर इसी मस्जिद मे शरण ली थी। इसके विरोध में कांग्रेस पार्षद नीटू ठाकुर ने सैकड़ों लोगों के साथ संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद मामला ने तूल पकड़ा और संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण की बात निकल कर सामने आई।
विधानसभा सत्र के दौरान सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या के अवैध घुसपैठ को प्रदेश के लिए खतरा बताया।
11 सितंबर को हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन किया। बढ़ते विवाद को देखते हुए संजौली मस्जिद कमेटी ने अवैध निर्माण को गिराने की पेशकश की। इतना ही नहीं मस्जिद कमेटी ने कोर्ट में स्वीकार किया कि मस्जिद में अवैध मंजिलों का निर्माण किया गया और उन्होंने इसे खुद गिराने की कोर्ट से अनुमति मांगी। वहीं, मामले में कमेटी ने वक्फ बोर्ड को पत्र लिखकर अवैध निर्माण गिराने के लिए मंजूरी मांगी थी।