नई दिल्ली। चीन में वायरल इंफेक्शन में वृद्धि की रिपोर्ट के बीच भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ( HMPV)के तीन मामले सामने आए हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ( HMPV) के दो मामलों का पता लगाया है।
वहीं, गुजरात में भी एक मामला सामने आया है। मामलों की पहचान कई प्रकार के श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई। यह देश भर में श्वसन संबंधी रोगों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के जारी प्रयासों का हिस्सा है। इसमें 3 महीने की बच्ची को HMPV होने का पता चला था, जिसे ब्रोंकोनिमोनिया की बीमारी के साथ बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसे छुट्टी दे दी गई है।
3 जनवरी, 2025 को एचएमपीवी के पॉजिटिव टेस्ट के साथ 8 महीने का एक शिशु को ब्रोंकोनिमोनिया की पहले से जुड़ी बीमारी के साथ बैपटिस्ट अस्पताल, बेंगलुरु में भर्ती कराया गया था। शिशु अब स्वस्थ हो रहा है। गौर हो कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है। दोनों मामलों में ब्रोंकोनिमोनिया की मेडिकल हिस्ट्री थी, जो निमोनिया का एक रूप है।
गुजरात के अहमदाबाद में भी HMPV का एक मामला सामने आया है। अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके में 2 महीने के बच्चे में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। नवजात का यहां के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। बच्चे की हालत स्थिर है।
हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि घबराने जैसी कोई बात नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है। HMPV पहले से ही भारत सहित विश्व भर में देखने को मिला है और एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं।
इसके अलावा, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है। आईसीएमआर पूरे वर्ष एचएमपीवी परिसंचरण के रुझानों पर नजर रखना जारी रखेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले से ही चीन में स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट दे रहा है, ताकि वर्तमान में जारी उपायों के बारे में और जानकारी मिल सके।
देश भर में हाल ही में की गई तैयारियों के अभ्यास से पता चला है कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार है और आवश्यकता होने पर सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप शीघ्र ही कार्यान्वित किया जा सकता है।
HMPV वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके बारे में पहली बार 2001 में पता चला था। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, तेजी से सांस लेना, पसीना आना और ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण आमतौर पर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है।