शिमला। हिमाचल के शिमला शहर में शौचालयों के इस्तेमाल पर शुल्क का मुद्दा गरमाया हुआ है। शिमला शहर की जनता और सोशल मीडिया जमकर विरोध हो रहा है।
इस मामले में नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान ने सफाई दी और कहा कि नगर निगम शिमला शौचालयों के इस्तेमाल पर किसी भी तरह शुल्क नहीं लेगा।
शिमला नगर निगम हाउस में भी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है और न ही नगर निगम का ऐसा कोई विचार है।
शिमला नगर निगम महापौर सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि नगर निगम शिमला सार्वजनिक शौचालयों पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लेगा और महिलाओं को भी सार्वजनिक शौचालय का लाभ निःशुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा।
सुलभ इंटरनेशनल ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर कोर्ट ने लिंग समानता के निर्देश दिए हैं। नगर निगम पुरुष और महिलाओं दोनों को शहर में सार्वजनिक शौचालयों के इस्तेमाल को निशुल्क सुनिश्चित करेगा।
वहीं, भाजपा ने भी इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि नगर शिमला संकीर्ण सोच का परिचय दे रही है। एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है दूसरी तरफ नगर निगम गंदगी को बढ़ावा देने वाले निर्णय ले रहा है।
आखिर क्या संदेश नगर निगम शिमला देना चाह रहा है। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि नगर शिमला भी सरकार के नक्शे कदम पर चलना शुरू हो गया है और जनता पर नए नए टैक्स थोपे जा रहे हैं।
विपक्ष को न चाहते हुए भी इस तरह के निर्णयों को लेकर बोलना पड़ रहा है।