ऋषि महाजन/जसूर। कांगड़ा जिला के व्यावसायिक कस्बा जसूर में इन दिनों सड़क और पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। एक तरफ तो फोरलेन के कार्य के चलते जसूर के व्यापारियों और स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं, चार साल बाद भी जसूर-जाच्छ-बाटू नाला पेयजल योजना का निर्माण कार्य पूरा न होने के चलते लोगों का पीने के पानी के लिए इंतजार लंबा होता जा रहा है। खासकर जसूर पंचायत के वार्ड नंबर एक व तीन के 50 से 60 घर के बाशिंदों को पीने के पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। आगे गर्मियों का सीजन आने वाला है, ऐसे में लोगों की टेंशन और बढ़ गई है।
जल शक्ति विभाग की जसूर-जाच्छ-बाटू नाला पेयजल योजना के तहत मेन पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। साथ दो टैंक का निर्माण हो चुका है, एक टैंक का निर्माण होना शेष है, जिसका टेंडर हो चुका है। इसमें जसूर और बाटू के लिए दो टैंक से सप्लाई होनी है।
वहीं, तीसरा टैंक जाच्छ और जसूर के कुछ हिस्सों को पानी मुहैया करवाएगा। यही नहीं लोगों के घरों के लिए भी पाइपें बिछा दी गई थीं। इसके बावजूद लोगों के घरों तक पानी तो नहीं पहुंचा, लेकिन पाइपें जरूर गायब हो गईं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाबार्ड के तहत करीब 6 लाख रुपए खर्च कर 65 एमएम की पाइप बिछाई गई है और टैंक का निर्माण करवाया गया है। वहीं, ठीक पिछले चुनाव से पहले जल जीवन मिशन के तहत करीब 35 हजार रुपए खर्च कर आधा इंच की साढ़े तीन सौ मीटर पाइप बिछाई थी।
जसूर पंचायत के वार्ड नंबर एक व तीन के 50 से 60 घर के लोगों को पानी की समस्या से जुझना पड़ रहा है। वहीं, कुछ लोगों ने अपना बोरवेल करवाया है। हालांकि, पूर्व विधायक अजय महाजन ने लोगों की तकलीफ को समझते हुए वार्ड 3 में 20 से 25 घरों के लिए बोरवेल लगाया था।
यह बोरवेल जल शक्ति विभाग के माध्यम से लगा था, लेकिन बोरवेल की रखरखाव और बिजली बिल आदि का भुगतान लोग अपने पैसे से करते हैं, लेकिन इस बोरवेल का लाभ ही समस्त घरों को नहीं मिल सका।
जसूर पंचायत के पंचायत सदस्य अंकित वर्मा का कहना है कि अढ़ाई साल पहले हर घर नल हर घर जल के तहत पाइपें बिछाई गई थीं। न तो अब तक लोगों के घरों तक पानी पहुंचा और न योजना का उद्घाटन हो सका।
अभी तक 50 से 60 घरों को पानी की सुविधा नहीं मिली। लोगों ने निजी बोरवेल करवाएं हैं, लेकिन पानी की कमी आ रही है। यह एक गंभीर मुद्दा है। पाइपें डाली गई थीं, लेकिन फोरलेन के काम के बाद पता ही नहीं चला कि पाइपें कहां चली गईं। इसमें पूरी तरह पैसे की बर्बादी हुई है।
वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि अढ़ाई साल पहले पाइप डालने के बाद भी पानी नहीं मिला है। कभी रेलवे स्टेशन तो कभी आगे पीछे अन्य जगहों से पानी लाना पड़ता है।
उन्होंने मांग की है कि पानी अच्छे से उपलब्ध करवाया जाए। शम्मी शर्मा का कहना है कि अब तक उन्हें पानी नहीं मिला है। कुछ लोग पाइपें उखाड़कर ले गए हैं। आगे गर्मियों का सीजन आने वाला है और गर्मियों में पानी की और किल्लत हो जाएगी।
अधिशासी अभियंता नूरपुर आनंद बलौरिया ने कहा कि फोरलेन के काम के चलते पाइप आदि टूटने से कार्य में रुकावट आई थी। वहीं, पाइपलाइन एक्सेस नहीं मिल पाने और जमीन विवाद के कारण भी योजना में देरी हुई। योजना का काम 90 फीसदी तक पूरा हो चुका है।
उम्मीद है कि मार्च 2025 तक योजना का काम पूरा कर लिया जाएगा। जसूर पंचायत वार्ड नंबर एक और तीन में पानी की किल्लत को लेकर उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था। अगर ऐसा है तो समस्या का हल किया जाएगा।