ऋषि महाजन/नूरपुर। जल शक्ति विभाग में सेवाएं दे रहे पैरा पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर और मल्टी पर्पस वर्कर (MPW) ने स्थाई पॉलिसी बनाने और 10 व 15 फीसदी कोटे को खत्म करने की मांग की है। साथ ही वेतन में बढ़ोतरी की मांग की है।
जल शक्ति विभाग पैरा वर्कर संघ ने दो टूक कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो सड़क पर उतरकर प्रदर्शन होगा।
नूरपुर में मीडिया से बातचीत में जल शक्ति पैरा संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि 2017 से भर्ती हुए जल शक्ति विभाग में पैरा कर्मचारियों की अब तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है।
ना इनके लिए स्थाई पॉलिसी बनाई गई और न ही उचित वेतन का प्रावधान किया गया है। पैरा वर्कर्स में विभिन्न श्रेणियां जैसे पैरा पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर व मल्टी पर्पस वर्कर (MPW) आते हैं। वर्ष 2017 में पैरा पंप ऑपरेटर व पैरा फिटर भर्ती हुए व 2019 में मल्टी पर्पस वर्कर भर्ती हुए। इन्हें बिना किसी पॉलिसी के भर्ती किया गया।
सरकार का कहना है कि कर्मचारियों को 8 साल बाद अनुबंध पर लाएंगे, यह मामला भी सरकार के विचाराधीन है। इसमें भी कोटे का प्रावधान किया गया है। 10 और 15 फीसदी का प्रावधान करने की बात कही है।
महेश शर्मा ने कहा कि मल्टी पर्पस वर्कर को 5 हजार और पैरा पंप ऑपरेटर, पैरा फिटर को 6300 रुपए मानदेय मिलता है। इस राशि से परिवार का गुजारा करना बहुत मुश्किल है।
सोलन, शिमला और चंबा आदि में दो माह बाद भी मानदेय नहीं मिला है। पैरा वर्कर्स को ना कोई चिकित्सा अवकाश दिया जाता है और ना ही साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है।
महेश शर्मा ने कहा कि कई जिलों में तो पैरा कर्मचारियों को उनके घर से 80 से 100 किलोमीटर दूर ड्यूटी लगाई गई है, तो ऐसे कम वेतन में पैरा वर्कर्स किस तरह अपना गुजारा करेंगे।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि आने वाले बजट सत्र में उनके लिए स्थाई पॉलिसी बनाई जाए। साथ ही 50 व 60 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से उन्हें मासिक वेतन दिया जाए। क्योंकि पैरा वर्कर्स से 8 से 10 घंटे भी ड्यूटी ली जाती है। वहीं, उन्हें कोटे को खत्म करने की भी बात कही है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इनकी मांगों को फिर से नजरअंदाज करती है तो जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। इस अवसर पर संघ के वित्त सचिव मुकेश शर्मा, सचिव हर्ष चौहान, अतिरिक्त सचिव रजत चौहान, कृष एवं योगेश चौहान भी मौजूद रहे।