यदि हम 100 किलो से ऊपर रंग तैयार कर लें तो और अच्छी आय हो सकती है। समूह में शिप्रा राय, ऊषा, संगीता, कमलेश, सीमा, फरीदा, रूपा, रफिया, छीमा देवी, बलकिश और आशिया आर्थिक रूप से निर्भर होने के लिए लगातार प्रयासरत हैं और स्वयं सहायता समूहों की गतिविधियों से जुड़ रही हैं। होली के रंगों के साथ आचार, पापड़ और दूसरे उत्पाद भी तैयार किये जा रहे हैं।
उपायुक्त सिरमौर आर.के. गौतम कहते हैं कि सिरमौर जिला में स्वयं सहायता समूह बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 86 स्वयं सहायता समूह होली के ऑर्गेनिक रंग तैयार कर रहे हैं। कुछ समूह जहां अरारोट के साथ फूड कलर मिलाकर रंग बना रहे हैं तो कई समूह पालक, चुकंदर और गेंदे के फूल से हर्बल कलर बना रहे हैं। यह एक बेहतरीन और सरानीय प्रयास है। इससे जहां आम जन को होली पर ऑर्गेनिक रंग उपलब्ध होंगे वहीं हमारे समूहों की महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी। ऑर्गेनिक रंग त्वचा, आंखें और स्वास्थ्य की दृष्टि से अनकूल हैं और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक हैं।
परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सिरमौर अभिषेक मित्तल कहते हैं कि सिरमौर जिला में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह अच्छा कार्य कर रहे हैं। इस बार 86 समूह होली के लिए ऑर्गेनिक रंग तैयार कर रहे हैं। हम ऐसे समूहों को अपनी शुभकामनाएं देते हैं और उनसे अपेक्षा करते हैं कि वह अन्य उत्पादों को भी तैयार करें। हम इन सभी समूहों को सरकार की नीति के अनुरूप यथ संभव सहयोग करेंगे और उनका मागदर्शन करेंगे