दिव्या चौहान/कांगड़ा। सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद हर कोई सोचता है कि अच्छी पेंशन हो और घर पर आराम करें, लेकिन न्यू कांगड़ा स्कूल से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सीमा गुप्ता ने इस बात को झूठ साबित किया है।
सीमा गुप्ता रिटायरमेंट के बाद भी सरकारी स्कूल में बिना कोई अतिरिक्त वेतन या भत्ता लिए छात्रों को पढ़ा रही हैं। यही नहीं प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त होने के बावजूद वह प्राइमरी स्कूल के छात्रों को पढ़ा रही हैं। सीमा गुप्ता प्रतिदिन एक घंटा प्राइमरी स्कूल जोगीपुर में छात्रों को पढ़ाती हैं।
इसके अलावा सरकारी स्कूल के छात्रों को निशुल्क नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम (NMMS) और स्वर्ण जयंती स्कॉलरशिप परीक्षा की कोचिंग देती हैं। वह प्राइमरी स्कूल के छात्रों के बेसिक क्लेयर करवाती हैं।
इसके अलावा अंग्रेजी और मेंटल एबिलिटी पढ़ाती हैं। मैडम सीमा गुप्ता का मानना है कि कोई क्लास छोटी या बड़ी नहीं होती है। अगर छोटे बच्चों के बेसिक क्लेयर हों तो उन्हें बड़ी कक्षाओं में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है।
मैडम सीमा गुप्ता ने ewn 24 new Choice Of Himachal से बातचीत में कहा कि वह 30 अप्रैल 2024 को न्यू कांगड़ा स्कूल से प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। उन्होंने 6 साल पहले की तय कर लिया था कि रिटायरमेंट के बाद क्या करना है। रिटायरमेंट प्रोफेशनल लाइफ का अंत नहीं होती है।
वह दूसरी पारी खेलना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने प्राइमरी स्कूल जोगीपुर के हेड मास्टर तारा चंद से बात की और जोगीपुर स्कूल में एक घंटा छात्रों को पढ़ाने की पेशकश रखी, जिसे हेडमास्टर तारा चंद ने खुशी खुशी स्वीकार कर लिया।
इसके बाद रियाटरमेंट के अगले दिन ही एक मई 2024 को जोगीपुर स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया।उन्होंने कहा कि वह घर पर एक घंटा सरकारी स्कूल के छात्रों को निशुल्क नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम (NMMS) और स्वर्ण जयंती स्कॉलरशिप परीक्षा की निशुल्क कोचिंग भी देती हैं। स्वर्ण जयंती स्कॉलरशिप योजना में प्रारंभिक परीक्षा में हिमाचल से पांच सौ छात्र पास होते हैं।
इसके बाद मुख्य परीक्षा में 100 छात्रों को चुना जाता है। इसमें कांगड़ा के सरकारी स्कूलों के 15 छात्र चुने जाते हैं। इस योजना में चयनित होने पर छात्र को छठी कक्षा में प्रति माह चार रुपए ( एक साल में 48 हजार) मिलते हैं।
7वीं कक्षा में प्रति माह 5 हजार (60 हजार सालाना), 8वीं में प्रति माह 6 हजार रुपए (72 हजार सालाना) मिलते हैं। ऐसे में एक छात्र को तीन साल में 1 लाख 80 हजार रुपए स्कॉलरशिप मिलती है।
नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम परीक्षा 8वीं में दी जाती है। इसमें सफल होने वाले छात्रों को 12वीं कक्षा तक प्रतिमाह एक हजार रुपए छात्रवृत्ति मिलती है।
उन्होंने कहा कि जोगीपुर हाई स्कूल के कुछ छात्रों को नेशनल मीन्स कम मेरिट स्कॉलरशिप स्कीम के तहत छात्रवृत्ति मिल रही है, जिन्हें उन्होंने कोचिंग दी थी। मैडम सीमा गुप्ता का कहना है कि अन्य सरकारी स्कूल का भी कोई छात्र अगर कोचिंग लेना चाहता है तो वह उन्हें भी पढ़ाएंगी, लेकिन छात्र को नियमित रूप से क्लास अटेंडेंट करनी होगी।
मैडम सीमा गुप्ता जोगीपुर हाई स्कूल में भी सेवाएं दे चुकी हैं। जिस वक्त में स्कूल में कार्यरत थीं तो उस वक्त का एक किस्सा उन्होंने शेयर किया। उन्होंने बताया कि जब जोगीपुर हाई स्कूल से उनकी ट्रांसफर हुई तो छात्र काफी निराश हुए।
रिलीव होने से पहले एक दिन वह स्कूल पहुंची तो एक छात्र आयुष कौंडल पुत्र राजकुमार निवासी ललेहड़ ने उन्हें गिफ्ट रैपिंग पेपर में कुछ दिया। हाथ में पकड़ने पर वह गर्म लगा।
मेरे पूछने पर आयुष ने बताया कि यह चावल के आटे की रोटियां हैं। मैंने उसे पूछा कि तुम्हें कैसे पता कि मुझे पसंद हैं। छात्र आयुष कौंडल ने जो जवाब दिया उससे मैं भी भावुक हो गई।
उसने बताया कि मैडम आप एक दिन किसी अन्य मैडम से बात कर रही थीं तो उस वक्त आपने उन्हें बताया कि आपको चावल के आटे की रोटी काफी पसंद हैं। वहीं बात मुझे याद थी। यह पल मेरे लिए अविस्मरणीय था।