शुरू हुआ होलाष्टक : 9 दिन नहीं होंगे कोई शुभ कार्य, उग्र होंगे ये 8 ग्रह
ewn24news choice of himachal 27 Feb,2023 7:17 pm
होलिका दहन पर होता है होलाष्टक का समापन
27 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो गया है। हिंदू धर्म के अनुसार होलाष्टक में भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई प्रकार की यातनाएं दी गई थीं इस वजह से होलाष्टक को अशुभ माना जाता है। होलाष्टक में ग्रह भी उग्र होते हैं, इस वजह से कोई शुभ कार्य करने या बड़े निर्णय लेने से बचा जाता है।
हिन्दू कैलेंडर की 8 तिथियों में होलाष्टक होता है। इस साल होलाष्टक 8 नहीं बल्कि 9 दिनों का है। होलाष्टक का प्रारंभ फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को होता है और यह फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहता है। होलिका दहन 7 मार्च को है। ऐसे में इस साल होलाष्टक 27 फरवरी से 7 मार्च तक है।
पंचांग के अनुसार, आज 27 फरवरी को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि की शुरूआत 12:58 एएम से हुई है और इसका समापन 28 फरवरी को 02:21 एएम पर होगा। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि आज से प्रारंभ हो रहा है, इसलिए आज प्रात:काल से होलाष्टक लग गया है।
इस साल 06 मार्च को शाम 04:17 बजे से फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी और 07 मार्च को शाम 06:09 बजे इसका समापन होगा. ऐसे में होलिका दहन 7 मार्च को है तो होलाष्टक का समापन भी उस दिन होगा.
होलाष्टक के कारण बंद हुए शुभ कार्य होली के दिन से यानि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ हो जाएंगे। यदि आप को कोई नया या शुभ कार्य करना चाहते हैं तो उसे 8 मार्च से कर सकते हैं। 27 फरवरी से 7 मार्च के बीच उसे करने से बचें।
होलाष्टक की 8 तिथियों में 8 प्रमुख ग्रह उग्र रहेंगे। ऐसे में व्यक्ति का मन अशांत हो सकता है, इस वजह से होलाष्टक के समय में बड़े फैसलों को करने से बचने की सलाह दी जाती है। होलाष्टक में क्रमश: चंद्रमा, सूर्य, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु ग्रह अष्टमी से पूर्णिमा के बीच उग्र रहते हैं। होलाष्टक में आप चाहें तो नवग्रह शांति के उपाय कर सकते हैं।
होलाष्टक के दौरान क्या करें - क्या न करें
होलाष्टक में भगवान की भक्ति और पूजा पाठ में समय व्यतीत करें।
होलाष्टक में आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी, शनि प्रदोष जैसे व्रत आने वाले हैं। फाल्गुन पूर्णिमा पर स्नान दान करें और माता लक्ष्मी की पूजा करके धन-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
होलाष्टक के इन 9 दिनों में विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश या कोई नया कार्य न करें।
होलाष्टक के दौरान किसी नए वाहन की खरीदारी भी करना अशुभ माना जाता है।