Breaking News

  • कबाड़ के गोदाम में आग : अंदर खेल रही बच्ची ने गंवाई जान, चार महिलाएं झुलसी
  • हटवाड़ स्कूल में वार्षिक समारोह, मंत्री राजेश धर्माणी ने होनहारों को बांटे इनाम
  • शिमला में 9 वर्ष के बाद इस बार व्हाइट क्रिसमस, चर्च में नाटी भी डाली
  • हरिपुर रोजमेरी स्कूल में क्रिसमस डे की धूम, टॉफियां भी बांटी
  • मंडी और चंबा सहित इन जगहों पर कड़ाके की ठंड, इस दिन ओलावृष्टि का अलर्ट
  • अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती : सीएम सुक्खू ने अमूल्य योगदान को किया याद
  • अटल की 100वीं जयंती : राज्यपाल व नेता विपक्ष ने अर्पित की पुष्पांजलि
  • दसवीं फेल या पास को नौकरी : 30 दिसंबर को नादौन में इंटरव्यू
  • हिमाचल में यहां हुई बारिश और बर्फबारी, दो दिन के लिए येलो अलर्ट जारी
  • शिमला में विंटर कार्निवल का आगाज : मालरोड पर महानाटी डाली

गुप्त नवरात्र : आज अष्टमी व नवमी का शुभ संयोग, शिव-शक्ति की करें आराधना

ewn24news choice of himachal 28 Jan,2023 5:53 pm

    रविवार (29 जनवरी) को गुप्त नवरात्रि के बीच शिव और शक्ति की आराधना का शुभ योग बन रहा है। एक ही दिन में अष्टमी और नवमी दोनों तिथियों का होना अपने आप में शुभ संयोग हैं। जानकारों के मुताबिक ये शिव-शक्ति की आराधना के लिए खास दिन होता है क्योंकि अष्टमी के स्वामी शिव होते हैं वहीं, नवमी तिथि देवी दुर्गा की होती है। इसी के साथ रविवार होने के चलते देवी आराधना का शुभ फल और बढ़ जाएगा।

    पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य से उठाई मांग- बेलदार का पदनाम हो कंडक्टर

    रविवार को सुबह 11 बजे तक शुभ नाम का योग रहेगा जिसकी स्वामिनी देवी लक्ष्मी हैं। इसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा जो कि अगले दिन सुबह करीब 10.50 तक रहेगा। इस योग की स्वामिनी देवी पार्वती हैं। इस तरह शक्ति की ऊर्जा से बनने वाले दो शुभ योगों में शिव और देवी की विशेष आराधना से मिलने वाला पुण्य फल और बढ़ जाएगा।

    शिव पूजा की विधि

    माघ मास के गुप्त नवरात्र में भगवान शिव की पूजा सुबह और शाम, दोनों वक्त करनी चाहिए। सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ जल से नहाएं। देवी के साथ शिवजी की पूजा का भी संकल्प लें। पहले शिवजी की पूजा करें फिर देवी की। ऊँ नम: शिवाय या मृत्युंजय मंत्र का जाप करने के साथ शिवजी का अभिषेक करें।
    मंडी: अग्निवीर लिखित परीक्षा का रिजल्ट आउट-ये रहे सफल

     

    ऐसा न कर पाएं तो दूध में गंगाजल और पानी मिलाकर मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें। इसके बाद दिनभर व्रत रखें। शाम को सूर्यास्त के बाद और रात शुरू होने से पहले, यानी प्रदोष काल में शिव मंदिर में तिल के तेल का दीपक लगाएं। शाम को भगवान शिव-पार्वती की पूजा करें।

    देवी आराधना की विधि

    सुबह जल्दी उठें। पानी में लाल चंदन मिलाकर नहाएं। लाल कपड़े पहनें और लाल चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद देवी आराधना करें। दस महाविद्याओं में से किसी भी देवी के मंत्रों का जाप करें। ऊँ नमश्चण्डिकायै मंत्र का भी जाप कर सकते हैं। दिनभर व्रत रखें साथ ही कन्याओं को भोजन करवा सकते हैं।

    ये सब न कर पाएं तो किसी भी देवी मंदिर में जाकर इत्र और लाल फूल चढ़ाएं। घी का दीपक लगाएं। मौसमी फल या मिठाई का भोग लगाएं। शाम को फिर देवी मंदिर में घी का दीपक लगाएं। ऐसा करने से भी देवी आराधना का फल मिलेगा।


    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather