रेखा चंदेल /झंडूता। वीरता के लिए सेना मेडल से नवाजे सेवानिवृत्त कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा व्यवस्था के आगे हार गए हैं। 1971 की जंग में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले सेवानिवृत्त कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा का गांव बलघाड बिलासपुर जिला के झंडूता उपमंडल में स्थित है।
सेना से सेवानिवृत्त कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा के गांव के लिए पक्की सड़क, पर्याप्त पीने का पानी और पर्याप्त टू फेस बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं।
कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा ने बताया कि वर्ष 2007 में मांडवा से बागलाघाट तक एक लिंक रोड को मंजूरी दी गई थी, जिसके लिए ब्लॉक से दस हजार रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी। उन्होंने अपनी ओर से 32 हजार रुपये खर्च करके एक छोटा सा रास्ता तैयार किया, लेकिन वह केवल दोपहिया वाहनों के लिए ही उपयोगी है।
उन्होंने बताया कि अब उनकी उम्र अधिक है और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते वे इस कच्चे रास्ते से आना-जाना नहीं कर सकते। उनके लिए एक पक्के रास्ते की व्यवस्था की जाए।
सेवानिवृत्त कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा को सांस लेने में कठिनाई है और भूटान में ड्यूटी के दौरान बर्फ लगने के कारण उनकी एक टांग काम नहीं करती है। ऐसी स्थिति में उन्हें वाहन की आवश्यकता होती है, लेकिन पक्की सड़क न होने के कारण उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि उनके घर में पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है। किसी निजी कार्यक्रम में उन्हें वाटर टैंकर मंगवाना पड़ता है। इसके अतिरिक्त बिजली की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। जहां उनके घर तक सिर्फ सिंगल फेज बिजली है, वहीं लगभग 400 मीटर की दूरी पर टू फेज बिजली उपलब्ध है।
कई बार मांग के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा ने बताया कि उन्होंने 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में भाग लिया और 1971 की लड़ाई में वीरता के लिए सेना मेडल से सम्मानित किया गया।
उन्होंने दुख जताया कि देश की सेवा करने के बावजूद आज वे बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द उनके गांव तक पक्की सड़क, पर्याप्त पीने का पानी और टू फेस बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जाएं, ताकि शेष जीवन वे सम्मानपूर्वक व्यतीत कर सकें।
समाजसेवी अमरनाथ धीमान का कहना है कि हमें सेवानिवृत्त कैप्टन कृष्ण चंद शर्मा से मिलने का मौका मिला। यह जो लिंक रोड इनके घर के लिए आया है, यह ट्रैक्टर के लायक भी नहीं है। यहां से आना जाना कठिन है। आज कृष्ण चंद एक एम्बुलेंस रोड से भी वंचित हैं। यह सरकारों की नाकामी को दर्शाता है। इनको पीने के पानी की भी भारी मुश्किल है। प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
स्थानीय निवासी सुरेश का कहना है कि इस कच्ची सड़क की स्थिति बरसात के मौसम में और भी खराब हो जाती है। आना जाना मुश्किल हो जाता है। अगर ऐसी स्थिति में कोई बीमार हो जाए तो समस्या और अधिक बढ़ जाती है। ऐसी ही स्थिति पीने के पानी की है। पीने के लिए पर्याप्त पानी नल में नहीं आता है।
कार्यवाहक उपमंडलीय अधिकारी झंडूता एवं तहसीलदार झंडूता कुनिका अर्ष ने बताया कि हमारे संज्ञान में यह मामला मीडिया के माध्यम से आया तथा इसकी छानबीन करके उचित कार्रवाई की जाएगी।