शिमला। कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद नायक दिलवर खान को 'कीर्ति चक्र' (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है। नायक दिलवर खान ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल के घरवासड़ा के निवासी थे। उन्होंने 28 वर्ष की आयु में शहादत का जाम पिया।
बता दें कि दिलवर खान का जन्म मार्च, 1996 को हुआ था और 20 दिसंबर 2014 को सेना की 28 आरआर में भर्ती हुए थे। कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब के त्रिमुखा टॉप क्षेत्र में 23 जुलाई, 2024 मंगलवार को सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
सूचना मिलने के बाद सेना और पुलिस के जवानों नें इलाके की घेराबंदी कर सघन तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। आतंकवादी मौके से भागने की फिराक में थे।
जवानों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार सुबह एक आतंकी को मार गिराया। इस ऑपरेशन में हिमाचल प्रदेश के नायक दिलवर खान शहीद हो गए थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नायक दिलवर खान के बलिदान को याद किया है। फेसबुक पर पोस्ट डालकर उन्होंने लिखा कि ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल के घरवासड़ा निवासी नायक दिलवर खान जी को मरणोपरांत 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया जाना उनके अद्वितीय साहस और बलिदान के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
23 जुलाई को कुपवाड़ा जिले की लोलाब घाटी में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में नायक दिलवर खान ने एक आतंकवादी को मार गिराया और वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी निःस्वार्थ सेवा एवं मातृभूमि के प्रति अडिग निष्ठा को हमेशा याद रखा जाएगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 11 मरणोपरांत सहित 93 सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को वीरता पुरस्कारों को मंजूरी दी थी।
इनमें एक मरणोपरांत सहित दो कीर्ति चक्र, तीन मरणोपरांत सहित 14 शौर्य चक्र, एक बार से सेना पदक (वीरता), सात मरणोपरांत सहित 66 सेना पदक, दो नौ सेना पदक (वीरता) और आठ वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों और अन्य कर्मियों के लिए 305 रक्षा अलंकरणों को भी मंजूरी दी। इनमें 30 परम विशिष्ट सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, 57 अति विशिष्ट सेवा पदक, 10 युद्ध सेवा पदक, एक बार से सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 43 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), आठ नौ सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), 15 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), चार बार से विशिष्ट सेवा पदक और 132 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।