शिमला। डीसी ऑफिस परिसर में ऑपरेशन अभ्यास के तहत मॉकड्रिल शाम चार बजे सायरन बजने के साथ आरंभ हुई।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय के ऑफिस में आग लगने की घटना के चलते यह ड्रिल का आयोजन किया गया। घटना की सूचना 4 बजकर दो मिनट पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दी गई।
इसके साथ ही पुलिस और एसडीआरएफ, होम गार्ड, स्वास्थ्य और अग्निशमन विभाग को भी सूचना दी गयी। करीब दो मिनट में अग्निशमन विभाग का दल मौके पर पहुंच गया। इसके साथ ही अगले पांच मिनट में पुलिस, एंबुलेंस, होमगार्ड, सेना की टुकड़ी भी जिलाधीश कार्यालय परिसर में पहुंच गई।
सबसे पहले सेना ने पूरे भवन की रेकी की। इसी के साथ होमगार्ड की टीम ने जिलाधीश कार्यालय में रेस्क्यू के लिए प्रवेश किया। फिर रेस्क्यू टीम द्वारा तीन घायल लोगों को एंबुलेंस तक ले जाया गया और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। इस ड्रिल में सिविल डिफेंस के सदस्यों ने भी भूमिका निभाई।
शिमला शहर से सटे संजौली उपनगर में हुए हवाई हमले में 04 नागरिक घायल एवं एक व्यक्ति की दुखद मृत्यु हुई है। संजौली पार्किंग में आज ऑपरेशन अभ्यास के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। ठीक 04 बजे हमले की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे।
आला अधिकारियों ने हवाई हमले की सूचना रिपोर्टिंग अधिकारी को दी तथा हमले में घायल लोगों को घटनास्थल से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अग्निशमन, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं एंबुलेंस की टीमों को जल्द से जल्द पहुंचने का आग्रह किया।
ठीक 4 बजकर 10 मिनट पर अग्निशमन, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची। हवाई हमले के उपरांत घटना स्थल पर लगी आग पर अग्निशमन के कर्मचारियों ने काबू पाया।
इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 04 घायल नागरिकों एवं एक मृत व्यक्ति को पार्किंग क्षेत्र से बाहर निकाला गया। सभी घायल व्यक्तियों को उपचार के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेजा गया।
संजौली में आयोजित मॉकड्रिल के दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, एएसपी रतन नेगी, उपमंडलाधिकारी शिमला शहरी ओशिन शर्मा, जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि निर्धारित समय पर ही मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस ड्रिल में हिस्सा लेने वाले सभी स्टेकहोल्डर ने बेहरतीन भूमिका निभाई है। सिविल डिफेंस के सदस्य भी इस ड्रिल का हिस्सा रहे। उपायुक्त ने कहा सेना, होम गार्ड और एस डी आर एफ ने ड्रिल में पूरे जोश से कार्य किया।
सेना सिविल डिफेंस के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण देगी ताकि आपदा की स्थिति में मदद मिल सके। इसके अलावा आपदा के समय आवश्यक वस्तुओं की किट बनाई जाएगी ताकि सिविल डिफेंस के सदस्य इसका इस्तेमाल आपदा में करें।
उन्होंने कहा कि इस ड्रिल का मुख्य तौर पर लक्ष्य सिविल डिफेंस को सुदृढ़ करना है।आम जनता किस तरह आपदा की स्थिति में अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस के सदस्यों के लिए विशेष कमरा मुहैया करवाने के लिए कार्य किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि जिला स्तर पर आज ड्रिल समन्वय के साथ आयोजित की गई। भविष्य में आपदा की परिस्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हम सब तैयार है।
सिविल डिफेंस से अधिक से अधिक लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके अलावा आपदा की स्थिति में संचार सिस्टम को मजबूत बनाया जाएगा। वहीं सायरन सिस्टम को निर्धारित स्थानों पर लगाया जाएगा।
शिमला शहर में मॉक ड्रिल ऑपरेशन अभ्यास के उपरांत बचत भवन में ब्रीफिंग का आयोजन किया। इस बैठक में एडीएम (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा ने संजौली में मॉक ड्रिल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा सहित अन्य ने अपनी फीडबैक रखी।
बैठक में एडीसी अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवदीप सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रत्न नेगी, एसडीएम ग्रामीण मंजीत शर्मा सहित सेना, पुलिस, होम गार्ड, एच पी एस डी आर एफ, सिविल डिफेंस के सदस्य भी मौजूद रहे।