हिमाचल: खांसी ही नहीं भगाएगी, रोजगार भी दिलाएगी मुलहठी
ewn24news choice of himachal 20 Feb,2023 6:51 pm
हिमाचल में पहली बार व्यवसायिक रूप से हुई शुरूआत
पालमपुर। हिमाचल में अब मुलहठी लोगों की खांसी ही नहीं भगाएगी बल्कि रोजगार के अवसर भी मुहैया करवाएगी। प्रदेश में पहली बार मुलहठी की व्यवसायिक रूप से शुरूआत हुई है। सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर में "एक सप्ताह - एक प्रयोगशाला" के कार्यक्रम के शुभारंभ पर सीपीएस व पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल ने किसानों को प्रदेश में पहली बार मुलहठी की व्यवसायिक खेती करने के लिए रोपण सामग्री वितरित की।
इसके अलावा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसानों एवं उद्यमियों को विभिन्न फसलों के बीज एवं रोपण सामग्री भी आबंटित की गई। स्टार्टअप पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर संस्थान की प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए समझौता ज्ञापन भी किए गए। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव ने संस्थान कि पादप संवर्धन इकाई एवं पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
बता दें कि सीएसआईआर-आईएचबीटी, पालमपुर में 20-25 फरवरी के दौरान "एक सप्ताह - एक प्रयोगशाला" का आयोजन किया जा रहा है। इसमें संस्थान अपनी विकसित प्रौद्योगिकियों को जन सामान्य के लिए प्रदर्शित करेगा।
शुरुआत 6 जनवरी 2023 को डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से सीएसआईआर के 37 प्रमुख संस्थान भारत में अपने यहां विकसित प्रौद्योगिकीय उपलब्धियों एवं नवाचारों द्वारा अर्जित सफलताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं।
आशीष बुटेल ने कहा कि राज्य सरकार चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उद्यमियों, स्टार्टअप, किसानों एवं जन सामान्य के आर्थिकी का सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रसर है। इस क्षेत्र में उन्होनें सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की एवं भविष्य में भी संस्थान से योगदान के लिए आग्रह किया।
बुटेल ने राज्य में निवेश करने के लिए उद्यमियों और स्टार्टअप करने का भरोसा दिया और कहा कि हिमाचल सरकार इस तरह की उद्योगों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे राज्य के लोगों के लिए आजीविका सृजन हो सके। उन्होंने कहा कि पालमपुर के राज्य स्तरीय होली मेले में राज्य के नए स्टार्टअप एवं उद्यमियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा।
इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने मुख्य अतिथि एवं आए हुए प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए "एक सप्ताह - एक प्रयोगशाला" कार्यक्रम के उदेश्य पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि संस्थान के वैज्ञानिकों ने हींग, केसर, स्टीविया, लिलियम, दालचीनी जैसी फसलों की कृषि तकनीक विकसित करके किसानों एवं उद्यमियों की आत्मनिर्भता की ओर कदम बढ़ाए हैं। सुगंधित फसलें विशेषकर लेवेंडर और गेंदे को उगाने एवं प्रसंस्करण के लिए अलग-अलग राज्यों में आसवन इकाइयां स्थापित की गईं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डा. गिरीश साहनी, भटनागर फेलो एवं पूर्व महानिदेशक,सीएआईआर ने इकोसिस्टम में बदलाव पर बल दिया ताकि प्रयोगशाला के अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी को उत्पादों के माध्यम से बाजार में उपलब्ध कराया जा सके। उन्होनें बताया कि प्रौद्योगिकी पार्कों की स्थापना से इन विकसित प्रौद्योगिकियों को प्रसारित किया जा सकता है।
आयोजन के विशिष्ट अतिथि, डॉ. एमपी गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक,डक्कन हेल्थकेयर लि. हैदराबाद ने अपने संबोधन में कहा कि चुनौतियों से निकलकर ही सफलता प्राप्त होती है। भारत में अपार संभावनाएं हैं। भारत में विनियामक कानूनों, नीतियों की स्पष्टता, सरलता एवं सुधारों की आवश्यकता है ताकि उद्यमी अपने उत्पाद को जल्द से जल्द विकसित करके इसे बाजार तक पहुंचा सके।