धर्मशाला। जिला कांगड़ा में पैराग्लाइडिंग और उससे संबंधित गतिविधियों का संचालन करने के लिए सबको नियमों का पालन पूरी तरह करना पड़ेगा। जिले में यदि कोई पायलट, ऑपरेटर व एसोसिएशन पैराग्लाडिंग उड़ान से संबंधित नियमों की अवहेलना करते हुए पाया जाता है तो उसपर नियामक समिति द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा तथा नियमानुरूप दंडात्मक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
शनिवार को डीसी ऑफिस के सभागार में आयोजित जिला स्तरीय एयरो स्पोर्ट्स नियामक समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी हेमराज बैरवा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जिला कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
बकौल डीसी, हमारी पर्यटन गतिविधियों में एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियां विशेषकर पैराग्लाइडिंग विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसलिए पैराग्लाइडिंग के संचालन से संबंधित पर्यटकों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। डीसी ने पैराग्लाइडिंग ऑपरेटरों को निर्देश दिए कि पैराग्लाइडिंग की उड़ाने निर्धारित समय पर ही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि बहुत बार देखने में आया है कि पैराग्लाइडिंग पायलट उड़ान के लिए मनमर्जी करते हैं और निर्धारित समय के अवाला भी उड़ान भरते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पायलट खराब मौसम में भी उड़ान भरते हैं। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पायलट निर्धारित उड़ानों से ज्यादा उड़ान न भर सके।
डीसी ने कहा कि जिले में पैराग्लाइडिंग साइट्स पर मार्शल की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार मार्शलों की तैनाती आवश्यक है, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके तथा त्वरित कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके। उन्होंने मार्शलों के माध्यम से पैराग्लाइडिंग गतिविधियों पर नज़र रखने के निर्देश दिए। जो भी ऑपरेटर या पायलट नियमों का उल्लंघन करते हुए लोगों की जान खतरे में डालते हैं, उसके विरुद्ध नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें आर्थिक दंड के अलावा लाइसेंस तक रद्द किए जाएंगे।
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिस प्रकार जिला स्तरीय नियामक कमेटी बनी है, उसी प्रकार बीड़ और अन्य स्थानों पर स्थानीय नियामक कमेटियों का गठन भी जल्द से जल्द किया जाए। स्थानीय स्तर पर बनने वाली कमेटी में अधिकारियों सहित सभी हितधारकों को सम्मिलित कर मौके पर स्थितियों को रेगुलेट किया जाए।
उन्होंने उड़ानों के लिए न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित करने के भी निर्देश बैठक में दिए। उन्होंने साडा के तहत ऑपरेटरों की देनदारियों का ब्योरा तैयार कर अधिकारियों को उन्हें जल्द से जल्द वसूलने के निर्देश भी दिए।
हेमराज बैरवा ने कहा कि जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व स्तरीय स्थान उपलब्ध हैं और लोग देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से इसका लुत्फ उठाने के लिए यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने विशेषकर जिले को साहसिक पर्यटन का हब बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
उन्होंने अधिकारियों को जिले की तमाम पैराग्लाइडिंग साइट के विकास और वहां सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम करने को कहा। उपायुक्त ने बैठक में विभिन्न पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन से आए प्रतिनिधियों से भी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे तथा उनको पेश आ रही समस्याओं को जाना।
बैठक में पर्यटन विभाग के उपनिदेशक विनय धीमान, एसडीएम बैजनाथ डीसी ठाकुर, एसडीएम धर्मशाला संजीव कुमार, डीएफओ राहुल शर्मा, डॉ. अनुराधा तथा जिले भर की पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन अथवा संचालन इकाइयों के प्रतिनिधि और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।