तरनदीप सिंह/मंडी। सावन का पावन महीना शुरू हो गया है। भोलेनाथ के मंदिरों में सोमवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में स्थित बाबा भूतनाथ के मंदिर में भी सैकड़ों भक्त पहुंचे।
शिखारा शैली में बने बाबा के इस मंदिर में यूं तो हर रोज भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन सावन में और भी ज्यादा भीड़ लग जाती है। यहां पर स्वयं-भू प्रकट हुए शिवलिंग है।
सावन माह में यहां हर सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन होता है। 1527 ई में बने इस मंदिर का रूप आज भी जस का तस है। मंदिर के अंदर प्राचीन वाद्य यंत्र भी रखे गए हैं और प्राचीन मूर्तियां भी हैं।
यहां सुबह पांच बजे और रोज शाम को आरती का आयोजन होता है। साथ ही दूध, दही, शहद, बिल व भांग पत्र से पूजा का विशेष लाभ भक्तों को मिलता है। मंडी शहर के साथ-साथ देश व विदेश से श्रद्धालु भी बाबा भूतनाथ के दर्शनों के लिए यहां पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि प्राचीन समय में एक ग्वाला अपनी गाय को चराने के लिए मंडी आता था, तो गाय एक स्थान पर खड़ी हो जाती और उसके थनों से अपने आप ही उस स्थान पर दूध निकलने लगता। यह बात चारों और फैल गई।
इसी बीच उक्त समय के राजा अजबेर सेन को भगवान शिव ने सपने में आकर कहा कि उक्त स्थान पर उनका शिवलिंग हैं। सपना आने के अगले दिन ही जब राजा ने वहां खुदाई करवाई तो स्वयं-भू प्रकट शिवलिंग वहां मिला।
इसके बाद राजा ने यहां शिखरा शैली में एक मंदिर का निर्माण करवाया और तब से आज तक मंडी शहर के अलावा देश भर के लोगों की आस्था का केंद्र बाबा भूतनाथ का मंदिर माना जाता है।