हिमाचल निर्दलीय विधायक इस्तीफा मामला : दो जज के मत अलग, तीसरे की लेंगे राय
ewn24news choice of himachal 08 May,2024 11:27 am
शिमला। हिमाचल में तीन निर्दलीय विधायक के इस्तीफे का मामला लटक गया है। निर्दलीय विधायकों की कोर्ट द्वारा ही इस्तीफा स्वीकार करने की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कहा कि हाईकोर्ट इस याचिका को स्वीकार नहीं कर सकता है। यह विधानसभा अध्यक्ष का क्षेत्राधिकार है।
वहीं, इस्तीफा स्वीकार करने को लेकर मुख्य न्यायाधीश एमएस राम चंद्र और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ का मत अलग-अलग है।
मामले को लेकर अब तीसरे न्यायाधीश की राय ली जाएगी। तीसरे जज की राय के बाद ही फैसला हो पाएगा।
मामला मुख्य न्यायाधीश एमएस राम चंद्र और ज्योत्सना रिवाल दुआ के बैंच में लगा। 30 अप्रैल, 2024 हाईकोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
मुख्य न्यायाधीश एमएस राम चंद्र और ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत ने 8 मई को आज फैसला सुनाया। पर दोनों ही जजों की राय मामले में अलग-अलग थी।
मुख्य न्यायाधीश एमएस राम चंद्र ने फैसला सुनाया कि स्पीकर का पद उच्च दर्जे का संवैधानिक पद है। हाईकोर्ट किसी भी संवैधानिक संस्था को निर्देश नहीं दे सकता स्पीकर फैसला कैसे लें।
ज्योत्सना रिवाल दुआ का मत है कि हाईकोर्ट इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकता, यह शक्ति स्पीकर के पास ही है, लेकिन हाईकोर्ट स्पीकर को निर्देश दे सकता है कि मामले का जल्द निपटारा करें।
उन्होंने मामले का निपटारा दो सप्ताह करने का जिक्र किया है। ऐसे में दो जजों की राय मामले में अलग-अलग है।
ऐसी स्थिति में डिवीजन बेंच मामले को तीसरे न्यायाधीश के समक्ष रखेगी। प्रशासनिक तौर पर मामला मुख्य न्यायाधीश के पास जाएगा और वह मामले को तीसरे जज को देंगे।
तीसरे जज ने केस नहीं सुना है। ऐसे में तीसरा जज पूरे केस को नए सिरे से सुनेंगे और फैसला सुनाएंगे। क्या हाईकोर्ट स्पीकर का इस्तीफा स्वीकार करने या किसी समय सीमा में इस्तीफा स्वीकार करने के निर्देश जारी कर सकता है, तीसरे जज इस पहलू पर ही फैसला करेंगे।