बजट सत्र : सरकार ने राज्यपाल का अभिभाषण नीतिगत दस्तावेज दिया करार- विपक्ष ने नकारा
ewn24news choice of himachal 14 Feb,2024 4:37 pm
राज्यपाल ने सदन में रखा 1 साल के कार्यों का लेखा-जोखा
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कांग्रेस सरकार के 1 साल के कार्यों का लेखा-जोखा सदन में रखा।
करीब एक घंटे 5 मिनट चले राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था परिवर्तन को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी सदन में दी गई। राज्यपाल के अभिभाषण को जहां सरकार ने नीतिगत दस्तावेज करार दिया तो वहीं विपक्ष ने इस दस्तावेज को नकार दिया।
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नारे को लेकर आगे बढ़ रही है। अभिभाषण में उन परिणाम का उल्लेख किया गया, जो एक साल में हमें नजर आए हैं।
खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद हिमाचल प्रदेश सरकार ने बेहतरीन काम किया। आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बेहतरीन काम करके लोगों को राहत देने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के दौरान नौकरी बेचने का काम होता था, लेकिन उनकी सरकार ने आते ही कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर युवाओं से हो रहे खिलवाड़ को रोकने का काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बजट में ग्रीन स्टेट की परिकल्पना की दिशा में भी राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने के लिए काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्व मामले का रिकॉर्ड निपटारा करके दिखाया है। पहले लोग पटवारी के पीछे भागते थे, लेकिन अब पटवारी लोगों के पीछे भागते हैं। सरकार आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति की आवाज सुन रही है और उसे मुताबिक काम कर रही है।
वहीं, राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल ने मजबूरी में नियमों के तहत अभिभाषण को पढ़ा है। लेकिन, दस्तावेज में जो आंकड़े दिखाए गए हैं और जो व्यवस्था परिवर्तन के दावे किए गए हैं, उसकी असलियत धरातल पर अलग है।
कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने से पहले 10 गारंटी दी थीं, जिनका इस दस्तावेज में कहीं जिक्र नहीं है।
हालांकि, ओपीएस (OPS) को सरकार ने बहाल किया है, लेकिन उसमें भी अब सरकार अंतिम सैलरी के अनुसार मिलने वाली 50 फीसदी पेंशन को घटाकर 20 फीसदी करने वाली है, जिसका किसी भी कर्मचारी को लाभ नहीं होगा।
इसके अलावा किसानों से दूध और गोबर खरीद का वादा भी किया गया था, जिसका इस दस्तावेज में जिक्र तक नहीं है। 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के भी दावे किए गए थे, वह भी दस्तावेज से गायब हैं।
इसके अलावा एक लाख रोजगार और महिलाओं को 1500 पेंशन मासिक देने की बात कही गई थी, लेकिन उस दिशा में भी सरकार ने कुछ कार्य नहीं किया है। बेरोजगार रिजल्ट के लिए भूख हड़ताल पर हैं।
सरकार अपनी गारंटी को भूलते जा रही है, लेकिन विपक्ष इन्हें भूलने नहीं देगा और कांग्रेस की गारंटी ही इनकी सत्ता से बाहर जाने की गारंटी साबित होगी।