हिमाचल बजट : सभी स्कूलों में खेलों और व्यायाम के लिए एक पीरियड होगा जरूरी
ewn24news choice of himachal 17 Feb,2024 3:47 pm
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की घोषणा
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण के दौरान शिक्षा क्षेत्र को लेकर भी कुछ ऐलान किए हैं। बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें तीन साल का Pre School ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल होगा।
प्रदेश में अभी 6 हजार से अधिक प्राथमिक पाठशालाओं में प्री-स्कूल चलाए जा रहे हैं। इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 6 हजार नर्सरी टीचर नियुक्त किए जाएंगे।
पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी नर्सरी अध्यापक बनने का अवसर दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें Bridge Course भी करवाया जाएगा।
इस व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए पहली कक्षा में प्रवेश के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुसार कम से कम 6 वर्ष की आयु तय की गई है और प्री-प्राइमरी की तीन कक्षाओं में प्रवेश के लिए क्रमश: 3, 4 और 5 वर्ष की न्यूनतम आयु सीमा तय की गई है।
स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए ‘‘अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान’’ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
इसमें, जहां एक ओर मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तरीय अधिकारी तक सभी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे, वहीं दूसरी ओर समुदाय को स्कूलों से जोड़ा जाएगा। इसमें पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि प्रत्येक उपमंडल में एसडीएम को सभी प्राइमरी स्कूल की महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से रिव्यू मीटिंग करनी होगी। इस बैठक में उस स्कूल में न केवल विद्यार्थियों बल्कि अध्यापकों की परफोर्मेंस का भी रिव्यू किया जाएगा।
अभिभावकों के साथ भी इसी बैठक में संवाद किया जाएगा। इसी बैठक में स्कूल के रख-रखाव के बारे में भी उचित निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों की वार्षिक रैकिंग और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत की जाएगी। इस सारी व्यवस्था को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इसे आम जनता तथा अभिभावकों से भी सांझा किया जाएगा, जिसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी।
पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में वर्ष 2024-25 में ‘‘पढ़ो हिमाचल’’ के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इस अभियान में विद्यालयों के साथ-साथ ग्रामीण एवं शहरी जन समुदाय को भी जोड़ा जाएगा।
इसी अभियान के तहत प्रदेश के 500 शिक्षण संस्थानों में सामान्य पाठकों और विषेश रूप से युवाओं के लिए रीडिंग रूम बनाए जाएंगे तथा इन्हीं शिक्षण संस्थानों के पुस्तकालयों के चलाने में आम जन की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाएगा।
प्रत्येक जिला व उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय तथा वाचनालय बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में की है।
यह कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। प्रथम चरण में, पंचायत स्तर पर 493 पुस्तकालयों का निर्माण करके इनमें पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
जिन स्थानों पर छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग स्कूल अथवा महाविद्यालय चल रहे हों, स्थानीय निवासियों की मांग पर आवश्यकतानुसार उन दोनों को मिलाकर एक को एजुकेशन शैक्षणिक संस्थान चलाने की शुरूआत की जाएगी।
इससे छात्र व छात्राओं के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास होगा तथा व्यक्तित्व उभरेगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में कोई प्राथमिक शिक्षा न हो, वहां के बच्चों को नजदीक के स्कूल तक लाने और वापस घर छोड़ने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी।
बजट भाषण के अनुसार प्रदेश में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम का संवैधानिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इसमें प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का समावेश भी किया जाएगा।
इसके लिए पांचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, Basic Hygiene और अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरंभ किया जाएगा।
सभी विद्यालयों में खेलों तथा व्यायाम के लिए प्रतिदिन कम से कम एक पीरियड अनिवार्य किया जाएगा। आवश्यकतानुसार पीईटी की नियुक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी। 500 बच्चों से अधिक वाले स्कूलों में स्वयं सहायता समूहों को मिड डे मील के अंतर्गत भोजन बनाने और परोसने में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने बजट भाषण में कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश में तीन स्थानों पर ‘अटल आदर्श विद्यालय’ बनाने प्रारंभ किए। उनकी सरकार इन्हें पूरा करने के लिए न केवल आवश्यक
धनराशि उपलब्ध करवाएगी, बल्कि इन्हें क्रियाशील भी करेगी। ‘राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों’ तथा ‘अटल आदर्श विद्यालयों’ के लिए कर्मचारियों का एक विशेष संवर्ग बनाया जाएगा। इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के रूप में विकसित किया जाएगा।
प्रथम चरण में प्रदेश में लाहडू, नगरोटा बगवां, अमलेहड़, भोरंज, संगनाई (ऊना) आदि सहित 10 राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण कार्य को आरंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार जल जनित रोगों से प्रतिवर्ष भारत को 49 अरब 78 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। भारत के दो तिहाई जिले पानी की कमी से जूझ रहे हैं।
बच्चों को पीने के लिए साफ पानी मिले इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया जाएगा तथा सरकारी स्कूलों के 8 लाख 50 हज़ार से अधिक बच्चों के लिए एक सुरक्षित एवं स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। शिक्षा क्षेत्र में कुल 9 हजार 560 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।