बोले-जनहित व कर्मचारी हित में उठाया गया सराहनीय कदम
शिमला। हिमाचल प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ एवं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा है कि सरकार द्वारा पूर्व सरकार के छह महीनों के निर्णयों की समीक्षा करना जनहित एवं कर्मचारी हित में उठाया गया सराहनीय कदम है, जिसकी संघ सराहना करता है। चौहान ने कहा कि भाजपा सरकार ने अंतिम 6 महीनों में बिना किसी बजट का प्रावधान किए राजनीतिक फायदा लेने के लिए धड़ल्ले से संस्थानों व कार्यालयों को खोलने व स्थानांतरण अंतर करने का बिना सोचे समझे काम किया, जिसमें ना तो किसी तरह की व्यवस्था को तैयार किया गया और ना ही बजट का प्रावधान किया गया।
हिमाचल डि-नोटिफाई मिशन- जयराम बोले-सड़कों पर उतर होगा प्रदर्शन
इससे ना तो पहले से कार्यरत संस्थान सही तरीके से काम कर पाए और ना ही नए खोले गए कार्यालय एवं संस्थानों को सही तरीके से चलाया जा सका। इससे एक और जहां कर्मचारी पशोपस्त की स्थिति में रहा, वहीं सरकारी कार्य भी बाधित रहे, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
हिमाचल में बंद कर दिए बिजली बोर्ड के 32 ऑफिस, भाजपा ने लिया यह फैसला
चौहान ने कहा कि हिमाचल में पूर्व सरकार ने अनगिनत ऐसे शिक्षण संस्थानों को खोला व अपग्रेड किया, जिसका कोई औचित्य नहीं था, लेकिन वहां पर ना तो इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रावधान किया गया और ना ही स्टाफ की व्यवस्था की गई। दिखावा करने के लिए कुछ शिक्षकों का स्थानांतरण कर इन संस्थानों को चलाने का प्रयास तो किया गया, लेकिन पहले से चल रहे शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे बच्चों को भारी क्षति का सामना करना पड़ा।
हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों को पहली को ही मिलेगा वेतन-पढ़ें खबर
इससे ना तो पहले से चल रहे शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई हो पाई और ना ही नए खोले गए संस्थानों में बच्चे दाखिल हो पाए और ना ही उनकी पढ़ाई हो पाई। चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही जरूरत से ज्यादा शिक्षण संस्थान खोले गए हैं और अधिक शिक्षण संस्थान खोलने की आवश्यकता हिमाचल जैसे छोटे राज्य में नहीं है।
हिमाचल डि-नोटिफाई मिशन-नंदा बोले, मंडी की हार का बदला ले रही कांग्रेस
ओपीएस बहाली को लेकर सीएम सुखविंदर सुक्खू की बड़ी बात- पढ़ें खबर