प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन विकसित की
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव में वोट प्रतिशतता बढ़ाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करवाने के लिए बड़ी पहल की है। आयोग ने रोजगार शिक्षा या अन्य कारणों से गृह नगर से देश में आन्य जगह रह रहे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया है। इससे देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा।
इस सुविधा के शुरू होने के बाद प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए वापस अपने गृह राज्य/ नगर जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्ऱॉनिक वोटिंग मशीन विकसित की है। यह एक रिमोट पोलिंग बूथ से ही 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान करा सकती है।
भारत निर्वाचन आयोग ने प्रोटोटाइप आरवीएम के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है। कानूनी, प्रक्रियात्मक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिक चुनौतियों पर राजनीतिक दलों की राय जानने के लिए अवधारणा पत्र जारी किया है।
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भारत चुनाव आयोग के अनुसार प्रौद्योगिकीय तरक्की के युग में प्रवासन के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार विकल्प नहीं है। आम चुनाव 2019 में 67.4 फीसदी मतदान हुआ था और भारत निर्वाचन आयोग 30 करोड़ से अधिक निर्वाचकों द्वारा मतदान करने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करने और विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान का प्रतिशत अलग-अलग होने को लेकर सजग है।
यह माना जाता है कि एक मतदाता द्वारा निवास के नए स्थान में पंजीकरण न करवाने और इस तरह मतदान करने के अधिकार का प्रयोग करने का अवसर गंवाने के अनेक कारण होते हैं।
भारत चुनाव आयोग के अनुसार वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन(घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान न कर पाना भी है, जिसका समाधान किया जाना आवश्यक है।
हालांकि देश के भीतर प्रवासन के लिए कोई केंद्रीय डेटाबेस उपलब्ध नहीं है, फिर भी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि रोजगार, शादी और शिक्षा से संबंधित प्रवासन समग्र घरेबू प्रवासन का महत्वपूर्ण घटक है।
अगर हम समग्र घरेलू प्रवासन को देखें तो ग्रामीण आबादी के बीच बहिर्प्रवासन बड़े पैमाने पर देखा गया है। आंतरिक प्रवासन का लगभग 85 फीसदी हिस्ता राज्यों के भीतर होता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद राजीव कुमार चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा के आंतरिक प्रवासन की समस्या से सीधे रूबरू हुए और उन्होंने अपना ध्यान इस बात पर केंद्रित किया कि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान से ही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाए।
इस तरह के सशक्तिकरण को कार्यान्वित करने के लिए कानूनी, वैधानिक, प्रशासनिक और प्रौद्योगिकीय पहल की जरूरत है। आयोग की टीम ने कई विकल्पों पर विचार किया।
निर्वाचन आयुक्त अनूप पांडेय और अरुण गोयल के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट मतदान केंद्रों अर्थात गृह निर्वाचन क्षेत्र के लिए रोजगार/ शिक्षा स्थल के मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम करने के लिए समय की कसौटी पर खरे उतरे M3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा।
इस तरह प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी। अन्य विषयों के साथ ही घरेलू प्रवासियों को परिभाषित करने, आदर्श आचार संहिता लागू करने, मतदान की गोपनीयता बनाए रखने, मतदाताओं की पहचान के लिए पोलिंग एजेंटों को सुविधा देने, रिमोट मतदान की प्रक्रिया और पद्धति व मतों की गणना में आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करते हुए सभी राजनीतिक दलों के बीच एक अवधारणा पत्र परिचालित किया गया है।
आयोग घरेलू प्रवासी मतदाताओं की भागीदारी का संभव करने के लिए उनके रिमोट लोकेशन अर्थात शिक्षा/रोजगार आदि के प्रयोजन से उनके मौजूदा निवास स्थान से उनके गृह निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करने की सुविधा प्रदान करने के लिए एक बहु निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्ऱॉनिक वोटिंग मशीन को प्रोयोगिक तौर पर शुरू करने के लिए तैयार है। ईवीएम का यह संशोधित रूप एक एकल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों पर मतदान करा सकता है।
आयोग ने बहु निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करपने के लिए सभी मान्यता प्राप्त 8 राष्ट्रीय और 57 राज्जीय दलों को 16 जनवरी 2023 को आमंत्रित किया है। इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं में परिवर्तनों और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की पद्धति/आरवीएम/प्रौद्योगिकी यदि कोई हो सहित विभिन्न संबंधित मामलों पर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 31 जनवरी 2023 तक लिखित मंतव्य (विचार) देने का भी अनुरोध किया है।
विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे बढ़ाएगा।