हिमाचल में घाटे का सौदा बना सेब, ये बड़े कारण- डिटेल में पढ़ें
ewn24news choice of himachal 04 Apr,2024 3:59 am
सेब उत्पादक संघ के सम्मेलन में सामने आई बात
शिमला। सेब उत्पादन हिमाचल में अब घाटे की खेती बन गया है। यह बात शिमला में सेब उत्पादक संघ के सम्मेलन में सामने आई है, जिसमें प्रदेश के 18 ब्लॉक के 300 सेब उत्पादकों ने हिस्सा लिया और सेब बागवानी में आ रही समस्याओं को लेकर मंथन हुआ।
सेब उत्पादक संघ 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक 18 ब्लॉक में जाकर बागवानों के सम्मेलन करने जा रहा है, जिसमें बागवानों की समस्याओं को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सेब उत्पादक संघ के राज्यसचिव पूर्ण ठाकुर ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के कारण आज प्रदेश में सेब बागवानी करना मुश्किल हो गया है। खाद और कीटनाशक दवाएं महंगी हो गई हैं। इसमें सरकार नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
दुकानदार मनमाफिक दामों पर कीटनाशक दवाएं बेच रहे हैं, जबकि एमआरपी कुछ अलग लिखा होता है। आयात शुल्क को 100 फीसदी करने की बागवान लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इसे कम कर रही है, जिससे प्रदेश के सेब को अच्छा दाम नहीं मिल रहा।
यूनिवर्सल कार्टन सरकार का अच्छा निर्णय है, इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदे गए सेब की दो वर्ष से अदायगी नहीं की गई है।
इसका जल्द बागवानों को भुगतान किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की किसान बागवान लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकारें इस दिशा के गंभीर नहीं हैं। इसलिए सेब बागवान केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है।