मंडी। पिछले वर्ष बरसात में मंडी जिला में हुए भारी नुकसान को देखते हुए इससे निपटने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शुक्रवार डीआरडीए हॉल मंडी में एसडीएम मंडी ओम कांत ठाकुर की अध्यक्षता में उपमंडल स्तर की बैठक आयोजित की गईं। बैठक में लोक निर्माण, जल शक्ति, वन, परिवहन, स्वास्थ्य, विद्युत, राजस्व सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आपदा के दौरान त्वरित कार्रवाई के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी अधिकारियों के मोबाइल नंबरों की सूची बनाई जाएगी और इसे सभी अधिकारियों को भी शेयर किया जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई के अधिकारियों को सदर उपमंडल के अंतर्गत आने वाली मंडी-जोगिन्द्रनगर, मंडी-रिवालसर, मंडी-कोटली, मंडी-पंडोह सड़कों के किनारे पडे़ मिट्टी के ढेरों को बरसात से पहले हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर कहीं सड़क को चौड़ा करने का कार्य किया जाना है, उसे भी बरसात से पहले पूरा कर लिया जाए।
उन्होंने एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों को 6 मील से लेकर 9 मील के बीच पड़ी मिट्टी को 10 दिन के भीतर ही हटाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को बरसात के दौरान सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए निश्चित स्थानों पर कटर मशीनें रखने के निर्देश दिए और उन्हें चलाने वाले वन विभाग के कर्मचारियों के मोबाइल नंबर उपमंडल कार्यालय में देने को कहा। उन्होंने जल शक्ति विभाग को बरसात में पेयजल आपूर्ति निर्वाध रखने के लिए वैकल्पिक प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में विश्वकर्मा मंदिर के पास टारना पहाड़ी पर भू-धसांब को रोकने के लिए नगर निगम, जलशक्ति और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि बरसात में पानी की निकासी का बेहतर प्रबंधन किया जाएगा।