शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों ने वेतन का एरियर नहीं मिलने के विरोध में सोमवार को शिमला के चौड़ा मैदान में हल्ला बोला।
इस दौरान शिक्षकों ने कंपनियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से उन्हें शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग उठाई। शिक्षकों ने कंपनियों शिक्षकों के शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद भी उनका शोषण कर रही है। एरियर का भुगतान न होने के बाद उनकी दिवाली फीकी रही।
व्यावसायिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया ने कहा कि जिन कंपनियों के माध्यम से उनकी नियुक्ति हुई है। उनके द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के निर्देशों को कंपनियां दरकिनार कर रही हैं। शिक्षकों को अभी तक एरियर का भुगतान नहीं किया गया है।
विभाग ने 20 अक्तूबर से पहले एरियर का भुगतान करने के लिए कंपनियों को कहा था। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने अभी एरियर का भुगतान नहीं किया है और जिन शिक्षकों को भुगतान हुआ है वह भी अलग-अलग राशि दी गई है, जबकि वेतन एक समान है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार शिक्षकों को देना चाहती है जबकि कंपनियां सरकार और विभाग के आदेशों को दरकिनार कर रही है। उन्होंने कहा कि वह धरने पर उस समय तक डटे रहेंगे जब तक उन्हें सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलता अन्यथा वह यहीं धरने पर डटे रहेंगे।
वहीं, व्यावसायिक शिक्षिका सुचिता शर्मा ने कहा कि 11 वर्षों से अधिक समय से अलग अलग विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। दो हजार से अधिक शिक्षक इस समय सेवाएं दे रहे हैं। इतने वर्षों के बाद भी कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं।
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके लिए कोई नीति निर्माण कर कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए जिससे उन्हें शोषण से मुक्ति मिल सके।