शिमला। हिमाचल में 2 साल या इससे अधिक समय से रिक्त चल रहे पदों को खत्म करने से संबंधित नोटिफिकेशन पर बवाल मचा हुआ है। इस फैसले को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर पोस्ट वायरल हो रही हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन आदेशों को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अधूरी जानकारी भी समाज के लिए अच्छी नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल से पद भरे नहीं जाते हैं, लेकिन बजट से पहले उन पदों के लिए बजट आवंटित कर दिया जाता है। विभागों के साथ हुई बैठक में पूछा गया था कि 20 साल से पद भरे क्यों नहीं जा रहे हैं। विभागों के अनुसार पोस्टों की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जैसे टाइपिस्ट क्लर्क की पोस्ट मंजूर है, लेकिन टाइप मशीन ही नहीं है। ऐसे में टाइपिस्ट क्लर्क के पदों को जेओए आईटी में परिवर्तित करके भरे जाना है। चपरासी के पद मल्टी टास्क वर्कर में परिवर्तित करने हैं। उर्दू के पदों को भरना है। बिजली विभाग में टीमेट, लाइनमैन के पद भरने हैं, जहां बहुत जरूरत है।
उन्होंने कहा कि पहली नोटिफिकेशन के साथ दूसरी नोटिफिकेशन भी निकाली गई है, जिसमें विभागों के पूछा गया है कि आप खत्म करने वाली पोस्टों के स्थान पर किस तरह की पोस्ट लेना चाहते हैं, बजट तैयार होने से पहले बताएं।
सरकार ने उन पदों को खत्म किया जो आज की दृष्टि में मायने नहीं रखते हैं। साथ ही विभागों/निगमों से पूछा गया है कि आप इनकी जगह दूसरे पद बताएं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार रोजगार देने की दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार के दो साल में ही 19 हजार से अधिक पदों को भरा जा रहा है। इसमें शिक्षा विभाग में 5861 पद मंजूर किए हैं।
स्वास्थ्य विभाग में 2679, होम में 1924, वन विभाग में 2266, जल शक्ति विभाग में 4786 और पीडब्ल्यूडी में 363 और राजस्व विभाग में पटवारियों के 956 पद स्वीकृत किए हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरत से अनुसार नर्स, माइनिंग ऑफिसर के पद सृजित किए जाने हैं। टाइपिस्ट क्लर्क की जरूरत नहीं, इसकी जगह नए पद परिवर्तित करके भरे जाने हैं।