शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर बोले - शिक्षा में गुणवत्ता लाना हमारी प्राथमिकता
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बिना बच्चों के 286 स्कूलों को बंद किया गया है, जबकि आने वाले वक्त में कम बच्चों वाले और स्कूलों को भी बंद करने की तैयारी की जा रही है जिसको लेकर सरकार ने मापदंड तय कर लिया है। हिमाचल प्रदेश में कुल 18,000 से ज्यादा स्कूल हैं इसमें से 15,000 से ज्यादा स्कूल सरकारी हैं। सुक्खू सरकार ने पूर्व भाजपा सरकार पर चुनावों से पहले संस्थानों को खोलने के आरोप लगाए हैं। बिना बच्चों के स्कूलों को बंद कर दिया है जिनमें ज्यादातर प्राइमरी और मिडल स्कूल हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिमला में प्रेस वार्ता कर स्कूलों के बंद करने की जानकारी साझा की।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि पिछली जयराम ठाकुर सरकार ने चुनाव से 6 महीने पहले 314 शिक्षण संस्थान खोल दिए जिनमें 23 कॉलेज भी शामिल हैं, लेकिन इनमें भी 65 विद्यार्थियों वाले कॉलेजों को बंद नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने फिलहाल 286 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है जिनमें पिछले एक-दो साल से एक भी दाखिला नहीं था। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने प्राथमिक में 10, हाई में 20, वरिष्ठ माध्यमिक में 25 और कॉलेजों में 65 विद्यार्थी का फॉर्मूला तय कर दिया है इनसे कम संख्या वाले शिक्षण संस्थानों को सरकार बंद कर देगी क्योंकि शिक्षा में गुणवत्ता लाना सरकार प्राथमिकता बता रही है।
प्रदेश में करीब 12,000 शिक्षकों की कमी
इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 12,000 के आसपास शिक्षकों की कमी है जिन्हें भरने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में 3,154 स्कूल ऐसे हैं जहां पर केवल एक ही शिक्षक है और 455 स्कूल ऐसे हैं जहां दूसरे स्कूलों से डेपुटेशन के आधार पर अध्यापक लगाए गए हैं। भविष्य में सरकार इन स्कूलों और अध्यापकों को लेकर भी निर्णय लेगी। हिमाचल प्रदेश में लगभग 6,000 स्कूल ऐसे हैं जहां पर विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम है ऐसे में इन शिक्षण संस्थानों पर भी बंद की तलवार लटक गई है।