शिमला में पर्यटन पर संकट, पर्यटकों का स्टे मात्र एक दिन तक सिमटा
ewn24news choice of himachal 12 Feb,2023 4:57 pm
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन ने दिए बजट में सुझाव
शिमला। टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन की माने तो शिमला में पर्यटन पर बहुत बड़ा संकट है। हिमाचल की राजधानी शिमला में पर्यटकों का स्टे मात्र एक दिन तक सीमित रह गई है। पर्यटकों की स्टे की अवधि तथा पर्यटकों के शिमला में आगमन में कमी आना चिंता का विषय है।
एसोसिएशन का कहना है कि शिमला में मौजूदा पर्यटक स्थल पुराने हैं और पर्यटकों को दो-तीन तक रोकने के लिए अतिरिक्त गतिविधियों की जरूरत है।
इसके लिए शिमला तथा इसके आसपास के पर्यटक स्थलों को आकर्षक बनाने, रोड साइड सुविधाओं का प्रावधान करने तथा डेस्टिनेशन की पब्लिसिटी के लिए विशेष बजट का प्रावधान करने की आवश्कता है। टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन ने आने वाले बजट के लिए पर्यटन की दृष्टि से स्पेशल प्रावधान किया जा सके इसके लिए कुछ सुझाव दिए हैं।
शिमला तथा आसपास घूमने योग्य पर्यटन स्थल बहुत पुराने हो चुके हैं। इन पर्यटक स्थलों में आकर्षक बनाने की आवश्यकता है तथा इन पर्यटन स्थलों में और टूरिस्ट अट्रैक्शन को सम्मिलित करने की जरूरत है, ताकि पर्यटकों की स्टे को दो तीन दिन तक बढ़ाया जा सके।
हर होटल क्लस्टर में केवल पर्यटकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था करने की आवश्यकता है। क्योंकि मौजूदा पेड पार्किंग में पर्यटकों को 40 से 50 फीसदी पार्किंग स्पेस ही मिल पाता है।
शिमला जिला के हाईवे पर तथा शिमला के पर्यटक स्थलों पर रोड साइड सुविधाओं का अभाव है। इन स्थानों पर मोस्ट मॉडर्न बाथरूम की सुविधा देने की आवश्कता है। इसी तरह हाईवेज तथा शिमला के आसपास घूमने योग्य स्थलों पर ई व्हीकल्स के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाना जरूरी हैं।
शिमला जिला की हाईवेज तथा पर्यटक स्थलों पर क्लीन फूड स्ट्रीट हब्स बनाने की भी जरूरत है। पर्यटक स्थलों पर मौजूद फूड आउटलेट्स को इम्प्रूव करने की आवश्कता है। शिमला तथा इसके आसपास घूमने योग्य स्थान तथा टूरिस्ट एक्टिविटीज की स्पेशल पब्लिसिटी पर भी जोर दिया है।
हिमाचल के सभी डेस्टिनेशन में तथा उनके आसपास घूमने योग्य स्थानों की पब्लिसिटी होनी चाहिए, ताकि पर्यटकों की हर टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर स्टे को बढ़ाया जा सके।
टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ का कहना है कि इन सभी उपर लिखित प्वाइंट्स के लिए सरकार को बजट में प्रावधान करना चाहिए, ताकि जहां इसका फायदा पर्यटन व्यवसायियों को मिले वहीं सरकार के खजाने में भी बढ़ोतरी हो सके।